- कोरोना वाइरस से लडऩे प्रधानमंत्री का नया मंत्र … अब तक तो कोरोना का कोई वेक्सीन नहीं था तो उनका मंत्र था – जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं … अब जब वेक्सीन आगया है तो वे कह रहे हैं कि दवाई भी और कड़ाई भी … लापरवाही नहीं करनी है
- भारत में अब कुछ ही दिनों में वेक्सीन लगाने शुरू हो जायेंगे, एस्ट्राजेनेका तथा कोवेक्सीन के डाटा की विशेषज्ञों के पेनल ने समीक्षा की, फाइजर ने डाटा देने के लिये और समय मांगा है … पेनल की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा मंजूरी देते ही टीकाकरण शुरू हो जायगा
- फाईजर के कोरोना वेक्सीन की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगे … अमेरिका में केलिफोर्निया में एक 45 वर्षीय नर्स, फाइजर का टीका लगाने के छठे दिन ही वह कोरोना वाइरस पोजिटीव निकल गई
- इस बीच अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोरोना वाइरस के टीकाकरण की अत्यन्त धीमी गति पर ट्रम्प प्रशासन की आलोचना की है तथा संकल्प लिया है कि शपथ लेते ही वे इसकी गति पांच-छ: गुना कर देंगे
- केन्द्र सरकार की किसानों से हुई वार्ता में दो बिन्दुओं पर सहमति … अभी तक हां या ना पर अड़े किसान नेता नर्म पड़े … अब MSP की गारंटी तथा तीनों कानून वापस लेने जैसे बिन्दुओं पर 4 जन. को पुन: वार्ता
- पंजाब के ग्रामीण इलाकों के किसानों ने स्पष्ट किया है कि किसान आन्दोलन वामपंथी संगठनों द्वारा 5 महीने पहले रची गई साजिश का नतीजा है, इसके लिये असामाजिक तत्वों द्वारा भोले भाले किसानों को उकसाया गया, उन्हें सिख धर्म के नाम पर बहकाया गया, कम्युनिस्ट नेताओं ने आन्दोलन के लिये किसानों से प्रति एकड़ 200 रू. लेकर लाखों रू. बटोरे …
- … किसानों के आन्दोलित होने के बाद विपक्षी दल तथा खालिस्तानियों जैसी देश विरोधी ताकतें भी इनमें शामिल हो गई, गांव में कोई भी बूढा स्वाभाविक मौत भी मरता तो उसका शव धरनास्थल पर ले जाकर उसे शहीद करार दे दिया जाता, किसानों को बहकाया गया कि गुरू गोविन्द सिंह ने जो जमीन मुगलों से छीनी थी उसे मोदी पूंजीपतियों को दे रहा है, इसी कारण अम्बानी के खिलाफ माहौल बना
- पूंजीपतियों के नाम पर देश के गरीब नागरिक को बरबाद करने की यह साजिश नई नहीं है … 80 के दशक में मुम्बई में कपड़ा मिलों की भरमार थी, कम्युनिस्टों ने पूंजीपतियों के खिलाफ मजदूरों को भडकाया और हड़ताल करवाई मिलें बन्द हो गई, डेढ लाख मजदूर बेकार हो गए, मिल मालिकों ने भारी मुनाफे में जमीने बेच दी
- आज जिस मुकेश अम्बानी की इन लुटियनों द्वारा कड़ी आलोचना की जा रही है, UPA राज में उसी मुकेश अम्बानी को लुटियनों के चहेते NDTV ने राष्ट्रपति भवन में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथों ग्रेटेस्ट ग्लोबल लिविंग लिजेण्ड एवार्ड से नवाजा था
- हरयाणा में किसान आन्दोलन ने भाजपा की लुटिया डुबाई … 7 स्थानीय निकाय चुनावों में सिर्फ दो पर जीत – पंचकुला निगम तथा रेवाड़ी परिषद, कांग्रेस की भी दो पर जीत – सोनीपत निगम तथा सांपला पालिका, अम्बाला निगम पर HJP का कब्जा, बाकी दो पालिकाओं में निर्दलीय जीते
- कर्नाटक में ग्राम पंचायतों के चुनाव बिना दलों के हुए मगर इनमें भाजपा समर्थित प्रत्याशी सबसे आगे, कांग्रेस समर्थित उनके पीछे … चुनाव परिणामों के दौरान PFI से जुड़े कट्टरपंथी संगठन SDPI के प्रत्याशियों के जीतने पर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे … इन पर प्रतिबन्ध क्यूं नहीं लगाया जा रहा?
- अमित शाह? … म. प्र. के मामाजी तो योगी मोडल अपना रहे, तुम क्यूं पीछे? म. प्र. के उज्जैन व भीकमगांव के दंगाईयों के घरों पर बुलडोजर चलाने के बाद अब इन्दौर के रामभक्तों पर पथराव करने वाले नमाजियों के घरों पर भी बुलडोजर चलवाये
- पाकिस्तान के खेबर पख्तुनवा में स्थानीय लोगों द्वारा जिस मन्दिर को ढहाया गया कुछ दिनों पूर्व कोरोना संकट के चलते उस मन्दिर से जुड़े हिन्दुओं ने लगभग 10 लाख रू. आपस में एकत्र कर इन्हीं स्थानीय लोगों में राशन बंटवाया गया था …
- एसी खबरें क्यूं नहीं दी जाती? … देश के विभिन्न बेंकों ने 1.72 लाख करोड़ के NPA ऋण वसूले … इसमें भी 1.05 लाख करोड़ तो IBC अर्थात दीवालीया कानून के जरिये वसूले गये
- नोबल विजेता अमत्र्य सेन विश्व भारती में अपनी अवैध भूमि की खबर फैलने पर मोदी से खफा तथा कह रहा कि ममता से दुश्मनी के कारण एसा किया जा रहा है … कामरेड? … काहे को आरोप-प्रत्यारोपों में पड़ते, आप तो कागजात बता दो, किस्सा ही खतम … है कि नहीं?
- पश्चिमी देशों की ट्रेनों की तरह अब भारतीय रेलों में भी वीस्टाडोम कोच जिनके माध्यम से यात्रीगण और खासकर के पर्यटक, उस क्षेत्र के मनोरम दृश्यों का रसास्वादन कर सकेंगे जिस क्षेत्र से ट्रेन गुजर रही है
- सोनू सूद? … इतने भलाई के काम कर जो वाह वाही लूटी है उस पर फालतू की राजनीति में पड़ कर पानी क्यूं फेर रहे? … एक तो तुम्हारी किताब में अपनी बड़ाई करना लोगों को पसन्द नहीं आया, दूसरे कंगना पर तंज कस रहे हो … क्यूं? … जब कंगना के घर बुलडोजर चला तब तो तुम गूंगे बने बैठे रहे, बोलीवुड में ड्रग रेकेट का पर्दाफाश हुआ तब भी कुछ नहीं बोले … अब क्यूं अपनी मिट्टी पलीद करवा रहे?
-सुरेश गोयल