नई दिल्ली (एजेंसी)। बीते दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा के ऑनलाइन जिहादी मॉडयूल में शामिल होने के आरोप में 70 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए इन्हीं लोगों में शामिल है तानिया प्रवीन। 22 वर्षीय तानिया प्रवीन के खिलाफ दायर चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि तानिया 70 जिहादी समूहों की सदस्य बन गई थी और पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी द्वारा उसे भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों से दोस्ती कर गोपनीय सूचनाएं निकलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गौरतलब है कि तानिया एक होशियार छात्रा रही है और इस बात का पता इससे चलता है कि उसने 12वीं कक्षा 90 फीसदी अंकों से पास की थी। दरअसल बांग्लादेश के एक धर्मगुरू दिलावर हुसैन सईदी की वीडियो देख देखकर कट्टरपंथ की तरफ मुड़ गई थी। दिलावर हुसैन सईदी को बांग्लादेश की ट्रिब्यूनल ने युद्ध अपराधी घोषित कर मौत की सजा दे दी है। सईदी पर बांग्लादेश की आजादी के वक्त पाकिस्तानी सेना की मदद और लोगों के कत्ल और शोषण का आरोप था।
सईदी के भाषण सुनकर ही तानिया का झुकाव लश्कर ए तैयबा की तरफ हो गया। पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना के मलयपुर गांव में जन्मी तानिया का बचपन अभावों में गुजरा। हालांकि पढ़ाई में अच्छी होने के चलते उसने कोलकाता के मौलाना आजाद कॉलेज से अरबी भाषा में डिग्री हासिल की।
साल 2018 में तानिया के एक चचेरे भाई ने, जो कि एक स्थानीय मस्जिद में मौलवी था, सईदी के वीडियो के बारे में बताया। इसके बाद तानिया ऑनलाइन सईदी के वीडियो देखने लगी। इसी दौरान वह व्हाट्सएप पर वॉइस ऑफ इस्लाम, इस्लामिक उम्माह और ह्युमन ब्रादरहुड नामक ग्रुप्स से जुड़ गई।
सोशल मीडिया पर जिहादी संगठनों में सक्रियता से तानिया परवीन को लगने लगा था कि वह कोई जिहादी वंडर वूमेन है, जो कि बुराई को मिटाने के लिए कथित साइबर सुपरहीरोज का नेतृत्व कर रही है। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, तानिया सोशल मीडिया द्वारा ही पाकिस्तान के एक जिहादी बिलाल दुर्रानी के संपर्क में आयी। दुर्रानी ने ही उसे पाकिस्तान के नंबर मुहैया कराया था, ताकि वह पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप को जॉइन कर सके।
साल 2019 के अंत तक लश्कर ए तैयबा के ऑनलाइन मॉडयूल में तानिया परवीन की अहमियत इतनी बढ़ चुकी थी कि उसे लश्कर से संबंधित पांच व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी दे दी गई थी। एनआईए का दावा है कि तानिया पाकिस्तान में कई लश्कर कमांडर के संपर्क में थी। इतना ही नहीं वह पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई के एक अधिकारी के संपर्क में भी थी।
इसी अधिकारी ने तानिया को सोशल मीडिया के जरिए सैन्य बलों के जवानों से संपर्क बनाने को कहा था, ताकि गोपनीय जानकारी हासिल की जा सके। तानिया ने अपने आसपास के युवाओं को भी कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की थी। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि तानिया की गतिविधियों के चलते देश में कोई आतंकी घटना हुई।