वायनाड (एजेंसी)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय तक सत्तारूढ़ माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई एसएफआई का विरोध मार्च शुक्रवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने राहुल गांधी के कार्यालय में कथित तौर पर घुसकर तोडफ़ोड़ की। उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को वायनाड के सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर हमले की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया।
एसएफआई कार्यकर्ताओं के कथित रूप से किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए केरल सीएम विजयन ने कहा कि सभी को बोलने की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है। लेकिन यह एक गलत प्रवृत्ति है कि इस तरह के विरोध हिंसक हो जाते हैं। सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। दरअसल वायनाड में गांधी के कार्यालय के खिलाफ सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा एसएफआई का विरोध मार्च शुक्रवार को तब हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सांसद के कार्यालय में प्रवेश किया और कथित तौर पर तोडफ़ोड़ की।
पुलिस ने 8 को हिरासत में लिया : पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के करीब 100 कार्यकर्ता विरोध मार्च में शामिल थे और वे लोग कार्यालय में घुस गए। पुलिस ने कहा कि करीब 80-100 कार्यकर्ता थे। उनमें से आठ लोगों को अब तक हिरासत में लिया गया है। अधिक संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। छात्र संगठन ने यह आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया कि राहुल गांधी ने केरल के पहाड़ी इलाकों में जंगलों के आसपास ‘बफर जोन’ बनाए जाने के मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं किया।
‘माकपा संगठित माफिया में बदली’ : टेलीविजन चैनलों ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह की ओर से राहुल गांधी के कार्यालय के अंदर हंगामे की तस्वीरें प्रसारित कीं। विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला अराजकता और गुंडागर्दी को दिखाता है। उन्होंने ट्वीट किया, वायनाड में राहुल गांधी के सांसद कार्यालय पर एसएफआई के गुंडों का भयावह हमला। यह अराजकता और गुंडागर्दी है। माकपा संगठित माफिया में बदल गई है। हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं।