जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। रीट पेपर लीक मामले में जयपुर शिक्षा संकुल भी शक में दायरे में आ गया है। एसओजी ने खुलासा किया कि पेपर यहीं के स्ट्रॉन्ग रूम से लीक हुआ था। मामले में भजनलाल की गिरफ्तारी के बाद रोज नए खुलासे हो रहे हैं और पेपर लीक के नए गुनाहगार सामने आ रहे हैं। अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली और उनके मित्र डॉ. प्रदीप पाराशर भी शक के घेरे में हैं। इधर, रीट परीक्षा पर विवाद गहराने के बाद पेपर रद्द होने की आशंकाएं गहराने लगी हैं। कई संगठन इस परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।
एसओजी की जांच में खुलासा हुआ कि पेपर 1.25 करोड़ रूपए में बेचा गया। पेपर स्ट्रांग रूम से निकालकर कोचिंग संचालकों और नकल गिरोह तक पहुंचाया गया। यह भी सामने आया कि जे-सीरीज का पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से लीक किया गया और अलग-अलग सेंटर पर बांटा गया।
50 से ज्यादा सेंटर पर पहुंचा पेपर
एसओजी की अब तक की जांच में अब सामने आया है कि पेपर जयपुर, जालोर, सिरोही, टोंक, सवाईमाधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली सहित कई जगहों पर पहुंचाया गया। नकल गिरोह ने एग्जाम से पहले 50 सेंटर पर पेपर पहुंचाया। अभी तक भजनलाल को ही मास्टरमाइंड माना जा रहा था। भजनलाल के पकडऩे के बाद एसओजी की जांच आगे बढ़ी। इसके बाद एसओजी ने उदाराम बिश्नोई, रामकृपाल मीना, रामलखन जाट व अमृतलाल मीना को गिरफ्तार कर लिया। एसओजी ने अब तक पेपर लीक में जुड़े जेईएन से लेकर हेड कॉन्स्टेबल, कॉन्स्टेबल सहित 35 चेहरों को बेनकाब किया है, लेकिन अब भी सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिरकार पेपर लीक का सबसे बड़ा गुनाहगार है कौन?
राज्य सभा सांसद डा. किरोड़ीलाल मीना ने भी एक दिन पहले ही डीपी जारोली और उनके मित्र प्रदीप पाराशर पर पेपर लीक कराने के आरोप लगाए थे।