जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कहा प्रदेश सरकार ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने जा रही है। राजस्थान पहला प्रदेश है, जहां शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को भी हर साल 100 दिन का रोजगार मिलेगा। गहलोत ने कहा महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, जज्बे और संघर्ष से प्रदेश का नाम रोशन किया है। हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ रही है।
सरकार चिरंजीवी योजना से जुड़ी 1 करोड़ 33 लाख महिला मुखियाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन उपलब्ध कराएगी। बीते 3 साल में प्रदेश में 123 कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें से 33 महिला कॉलेज हैं। इस बार बजट में 36 और महिला कॉलेज खोलने की घोषणा की है। जिनका काम जल्द शुरू होगा।
गहलोत ने जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में हुए समारोह में कहा महिलाओं और लड़कियों की सेहत की सुरक्षा और पर्नसल हाईजीन के लिए शुरू की गई उड़ान योजना हर गांव-ढाणी तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा फ्री सैनेटरी नैपकीन की यह स्कीम लागू करने की प्रेरणा मुझे ‘पैडमैन’ फिल्म से मिली है। पिछले बजट में योजना के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रोविजन किया गया। गहलोत ने कहा वूमन एम्पावरमेंट के लिए सरकार ने संकल्प लिया है। उन्होंने महिलाओं से अन्याय, अत्याचार और उत्पीडऩ के खिलाफ पूरी ताकत से अपनी आवाज उठाने की बात कही। इसके लिए राज्य सरकार उन्हें सेल्फ डिफेंस स्किल सिखाने में पैसों की कमी नहीं आने देगी।
कई महिलाओं को किया सम्मानित
समारोह में मुख्यमंत्री ने जोधपुर की सुशीला बोहरा को इंदिरा महिला शक्ति विशिष्ट पुरस्कार श्रेणी और जयपुर के आजाद फाउंडेशन को व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के तौर पर 51-51 हजार रूपए, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। बांसवाड़ा की डॉ. वनिता त्रिवेदी, अजमेर के फाउंडेशन फियोर दी लोटो इंडिया आई.एन.सी. को दूसरा पुरस्कार दिया। जैसलमेर की सुनीता चौधरी, जयपुर की नितिषा शर्मा को तीसरा पुरस्कार दिया गया। बच्चियों की सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नरेट जयपुर की निर्भया स्क्वॉयड को भी प्रशंसा पत्र दिया गया।राज्य स्तरीय प्रोग्राम में महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, आपदा प्रबंधन और सहायता मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज, राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा, महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं की प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।