उदयपुर (कार्यालय संवाददाता)। गहलोत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए शनिवार को नई आबाकारी नीति जारी कर दी है। आबकारी नीति की खास बात यह है कि इसमे आबकारी ड्यूटी, फीस एवं सरचार्ज एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राहत दी गई है। गहलोत सरकार ने सभी आबकारी उत्पादों पर कोविड सरचार्ज समाप्त कर दिया है। इसकी वजह से प्रदेश में शराब के दामों कमी आना तय माना जा रहा है। गहलोत सरकार ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आबकारी उत्पादों पर कोविड़ जार्ज लगाया था, जिसकी वजह से प्रदेश में शराब को दामों में बढ़ोतरी हो गई थी। गहलोत सरकार ने जून 2020 में खाली चल रहे सरकारी खजाने को भरने के लिए एक बोतल पर 30 रूपचे का सरचार्ज लगा दिया था। जिसकी वजह से प्रदेश में शराब महंगी हो गई थी। सरकार तर्क था कि कोरोनाकाल में वित्तीय संसाधन शराब पर सरचार्ज लगाकर ही जुटाए जा सकते हैं।
प्रदेश में सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक शराब की दुकानें खुली रहेंगी। प्रदेश में 5 दिन शुष्क दिवस रहेगा। राजस्थान में 5 दिन गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी की पुण्य तिथि 30 जनवरी, महावीर जंयती, स्वाधीनता दिवस और गांधी जंयती को प्रदेश भर में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी। राज्य के वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए है।
सरकार ने किया आवेदन शुल्क का निर्धारण
नई आबकारी नीति में शराब की खुदरा दुकानों की ऑनलाइन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए का निर्धारण कर दिया गया है। वित्त विभाग जारी आदेश के अनुसार एक करोड़ रूपये तक की न्यूनतम प्राईस वाली दुकान के लिए 75 हजार आवेदन शुल्क रखा गया है। 1 करोड़ रूपये से अधिक एवं 2 करोड़ रूपये तक न्यूनतम न्यूनतम रिजर्व प्राईस वाली दुकान के लिए आवेदन शुल्क 1 लाख रूपये रखा गया है। इसी प्रकार 2 करोड़ रूपये से अधिक एवं 3 करोड़ रूपये तक न्यूनतम रिजर्व प्राईस वाली दुकान के लिए 1.25 लाख रूपये आवेदन शुल्क रखा गया है। 3 करोड़ से अधिक एवं 4 करोड़ रूपये तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के लिए 1.50 लाख, 4 करोड़ से अधिक एवं 5 करोड़ रूपये तक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के लिए 1.75 लाख आवेदन शुल्क रखा गया है। 5 करोड़ से अधिक न्यूनतम रिजर्व प्राइस वाली दुकान के लिए 2 लाख रूपये आवेदन शुल्क रखा गया है।
आवेदन शुल्क अलग-अलग होगा
नई आबकारी नीति के अनुसार आवेदन शुल्क प्रत्येक दुकान के लिए अलग-अलग देय होगा। आवेदन शुल्क लौटाया नहीं जाएगा। प्रत्येक दुकान के लिए ऑनलाइन नीलामी में भाग लेने के लिए निर्धारित न्यूनतम रिजर्व प्राइस की 2 प्रतिशत राशि अमानत राशि के रूप में आवेदन के साथ जमा करानी होगी। नीलामी के दौरान बिड राशि अतिरिक्त अमानत राशि भी जमा करानी होगी। सफल आवेदकों द्वारा जमा कराई गई अमानत राशि संबंधित आवेदक को लौटा दी जाएगी। संबंधित वर्ष के निर्धारित वार्षिक गारंटी राशि की 5 प्रतिशत राशि धरोहर राशि के रूप में जमा कराई जाएगी। इसी प्रकार मॉडल शाप के संचालन के लिए आरएसबीसीएल को दुकानों का आंवटन जयपुर शहर के लिए 26 लाख रूपये, जोधपुर और उदयपुर शहरों के लिए 20 लाख रूपये और अन्य शहरों के लिए 15 लाख रूपये की वार्षिक लाइसेंस फीस पर किया जाएगा।
होटल एवं रेस्टोरेंट बार को राहत
गहलोत सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में होटल एवं रेस्टोरेंट बार को लाइसेंस प्रक्रिया में राहत प्रदान की है। 4 वर्ष के लिए लाइसेंस फीस एक साथ कराने पर उसे 5 वर्ष के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। मतलब यह है कि 5 साल के लिए एक साथ लाइसेंस लेने पर लाइसेंस की फीस में 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।