
मदुरै (एजेंसी)। तमिलनाडु के मदुरै में एक चुनावी रैली के दौरान प्र.म. नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और डीएमके पर जमकर हमला बोला। प्र.म. ने कहा कि कांग्रेस और डीएमके खुद कुछ काम नहीं करती लेकिन झूठ फैलाने में महारत हासिल है। जो काम करते हैं उनके बारे में वे झूठ फैलाते हैं। इसका एक क्लासिक उदाहरण एम्स मदुरै का है। कांग्रेस ने कहा लेकिन एम्स नहीं बनाया। भाजपा की सरकार मदुरै में एम्स लेकर आई है। प्र.म. ने कहा कि डीएमके और कांग्रेस के पास बात करने के लिए कोई वास्तविक अजेंडा नहीं है, लेकिन उन्हें अपने झूठ बोलने पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि लोग मूर्ख नहीं हैं। जिन्हें वह अपने झूठ में फंसा लेंगे।
‘तमिल का बताते हैं रक्षक..लेकिन सच्चाई कुछ और’
प्र.म. ने कहा कि कांग्रेस और डीएमके आपके लिए सुरक्षा या सम्मान की गारंटी नहीं देंगे। कानून-व्यवस्था उनके अंडर होगी और लोग संघर्ष करेंगे। डीएमके ने पहले भी शांतिप्रिय मदुरै को माफिया की मांद में फंसाने का काम किया। कांग्रेस-डीएमके खुद को तमिल संस्कृति के एकमात्र रक्षक के रूप में दिखाते रहते हैं, लेकिन तथ्य कुछ और ही बताते हैं।
‘तमिल की संस्कृति जल्ली कट्टू को बताया बर्बर’
2011 में यूपीए दिल्ली की सत्ता में थी और डीएमके के पास केंद्र सरकार में बड़े मंत्रालय थे। उसी यूपीए सरकार ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया। एक यूपीए नेता ने जल्लीकट्टू को एक बर्बर प्रथा बताया ! क्या यह शब्द उसके लिए प्रयोग किया जाना चाहिए जो तमिल संस्कृति का सदियों से हिस्सा है?
‘एनडीए ने जारी रखा जल्लीकट्टू’
2016 में, तमिलनाडु कांग्रेस के घोषणापत्र ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। कांग्रेस-डीएमके को खुद पर शर्म आनी चाहिए! 2016-17 में, तमिलनाडु के आम लोग एक समाधान चाहते थे और चाहते थे कि जल्लीकट्टू जारी रहे। मैं उस दर्द को समझ सकता था। हमारे सरकार ने तब डीएमके सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दे दी और जल्लीकट्टू जारी रखा।
‘महिलाओं को करते हैं अपमानित’
मोदी ने कहा कि नारी शक्ति को सशक्त बनाने पर मदुरै हमें महत्वपूर्ण सबक सिखाता है। अफसोस की बात है कि डीएमके और कांग्रेस ने मदुरै के लोकाचार को नहीं समझा। कोई आश्चर्य नहीं कि उनके नेता बार-बार महिलाओं का अपमान करते रहते हैं।