मेरठ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले भाजपा के शिलान्यास और लोकार्पण का ‘खेल’ जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। इस दौरान वह प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूके। खेल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री बोले कि यूपी में पहले की सरकारों में अपराध के खेल खेले जाते थे। अब योगीजी की सरकार उन अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है।
प्रधानमंत्री ने खासतौर पर अखिलेश यादव की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, पहले की सरकारें थीं तो यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे। माफिया अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे। बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति साधने की नजर से उन्होंने कैराना का जिक्र करते हुए कहा कि पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी, जिसका नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे।
बता दें कि शामली के कैराना से सांप्रदायिक पलायन ने पश्चिमी यूपी की राजनीति में काफी खलबली मचाई थी। प्रधानमंत्री यहीं नहीं रूके। अपने भाषण में उन्होंने आगे कहा कि यूपी में पहले क्या-क्या खेल खेले जाते थे? अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ ‘जेल-जेल’ खेल रही है। पांच साल पहले प्रदेश की महिलाएं काम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं।
‘जिधर बढ़ेंगे युवा, मंजिल कदम चूमने लगेगी’
उन्होंने कहा कि यहां मेरठ के सोतीगंज बाजार में गाडिय़ों के साथ होने वाले खेल का भी अब ‘द एंड’ हो रहा है। अब यूपी में असली खेल को बढ़ावा मिल रहा है। यूपी के युवाओं को खेल की दुनिया में छा जाने का मौका मिल रहा है। युवाओं को साधने के क्रम में प्र.म. मोदी ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है कि ‘महाजनों येन गत: स पंथा:’ यानि जिस पथ पर महान विभूतियां चलें वही हमारा पथ है। अब हिंदुस्तान बदल चुका है।
21वीं सदी के नए भारत में सबसे बड़ा दायित्व युवाओं के पास ही है।
मोदी ने कहा कि अब मंत्र बदल गया है। 21वीं सदी का मंत्र है- ‘युवाजनो येन गत: स पंथ:’ यानि जिधर युवाओं के कदम बढ़ जाएं, मंजिल अपने आप कदम चूमने लग जाती है। युवा नए भारत का कर्णधार भी है। युवा नए भारत का विस्तार भी है। वह नए भारत का नेतृत्वकर्ता भी है। आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है। आधुनिकता का बोध भी है इसलिए जिधर युवा चलेगा, उधर भारत भी चलेगा और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।
अखिलेश सरकार पर निशाना
मोदी ने कहा कि खेल जगत में पहले हर स्तर पर भाई-भतीजावाद, बिरादरी का खेल, भ्रष्टाचार का खेल था। भेदभाव था और पारदर्शिता का नामोनिशान नहीं था। ये हर खेल की कहानी थी। बदलती टेक्नॉलजी के लिए पहले की सरकारें बेहतरीन सिस्टम तैयार नहीं कर पाईं। युवाओं का टैलेंट सरकारी बेरुखी के कारण बेबसी में जकड़ा था। साल 2014 के बाद उन्हें उस जकड़ से बाहर निकालने के लिए हमने रिफॉर्म्स किए। हमारी सरकार ने अपने खिलाडिय़ों को 4 शस्त्र दिए हैं। खिलाडिय़ों को चाहिए ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधा, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, पारदर्शिता, संसाधन।
खेल विश्वविद्यालय पर बोले प्र.म.
खेल विश्वविद्यालय को लेकर प्र.म. मोदी ने कहा, 700 करोड़ की लागत से बनने वाली ये आदर्श यूनिवर्सिटी दुनिया की श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में से एक होगी। यहां युवाओं को अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही एक करियर के तौर पर स्पोर्ट्स को अपनाने के लिए जरूरी स्किल का निर्माण करेगी। यहां हर साल एक हजार से ज्यादा बेटे-बेटियां बेहतरीन खिलाड़ी बनकर निकलेंगे। यानी क्रांतिवीरों की नगरी खेलवीरों की नगरी के रूप में अपनी पहचान को और सशक्त करेगा।
ध्यानचंद के नाम से सीख
प्र.म. ने कहा कि मेरठ देश की एक और महान संतान मेजर ध्यानचंद की भी कर्मस्थली रहा है। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर कर दिया। आज मेरठ की इस स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित की जा रही है और जब इस यूनिवर्सिटी का नाम मेजर ध्यानचंद जी से जुड़ जाता है तो उनका पराक्रम तो प्रेरणा देता ही है लेकिन उनके नाम में भी एक संदेश है। उनके नामें जो शब्द है ‘ध्यान’- बिना ध्यान एकाग्र किए कभी भी सफलता नहीं मिलती है, इसलिए जिस यूनिवर्सिटी का नाम ध्यानचंद से जुड़ा हो, वहां पूरे ध्यान से काम करने वाले नौजवान देश का नाम रोशन करेंगे, ऐसा विश्वास है।