नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। हाल में विदेशी पूंजी प्रवाह काफी तेजी से बढ़ा है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा ऊपर जा रहा है। इसको लेकर आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी होंगे।
रिजर्व बैंक की ओर से 28 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर पर पहुंच गया। स्वर्ण भंडार और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढऩे से मुद्रा भंडार बढ़ा है। दास ने कहा कि मौजूदा अनुमान के आधार पर हमारा मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार संभवत: 600 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। अर्थव्यवस्था में तरलता को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक ने कई कदमों की घोषणा की है। इनमें कोविड-19 महामारी से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष नकदी सुविधा शामिल है।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पडऩे पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।