
नई दिल्ली (एजेंसी)। सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से गुरूवार को चौथे दौर की बातचीत की। करीब 7 घंटे चली इस बैठक के बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता । हालांकि, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि कानून खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। मसला इकलौते एमएसपी का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए।
केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में सरकार और किसानों ने अपना पक्ष रखा। किसानों की चिंता जायज है। सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार खुले मन से किसान यूनियन के साथ चर्चा कर रही है। किसानों की 2-3 बिंदुओं पर चिंता है। आज की बैठक सौहार्द्रपूण माहौल में हुई। उन्होंने ये भी कहा कि एएमपीएस को सशक्त बनाने के लिए सरकार विचार करेगी। कृषि मंत्री ने एमएसपी को लेकर भी किसानों को भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि एमएसपी में कोई बदलाव नहीं होगा। ये जारी है और आगे भी जारी रहेगा। तोमर ने ये भी कहा कि सरकार छोटे किसानों की जमीन के डर को दूर करने के लिए राजी है।
विधयकों में कानूनी संरक्षण पहले से है। उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद को हल करने के लिए नए बिल में एसडीएम कोर्ट का प्रावधान है, लेकिन किसान इन मामलों को जिला अदालत में ले जाने के लिए कह रहे थे। सरकार इस मुद्दे पर भी चर्चा करने के लिए राजी है। किसान नेताओं ने कहा कि हम अपनी पुरानी मांग पर अड़े हुए हैं। संशोधन हमें मंजूर नहीं है, हम तीनों कानूनों को वापस किए जाने तक अड़े हुए हैं। आंदोलन वापसी का कोई सवाल ही नहीं है।