अजमेर (कार्यालय संवाददाता)। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खुलने के बाद यहां जायरीनों का दबाव बढऩे लगा है। जनअनुशासन अनलॉक-चार के तहत दरगाह में सुबह ६ से रात ८ बजे तक अकीदतमंदों एवं जायरीनों को प्रवेश दिया जा रहा है। इस्लामिक माह जिल हिज का चांद रविवार रात दिखाई देने के बाद यह भी तय हो गया कि अब ईद-उल-अजहा (बकरीद) २१ जुलाई बुधवार को न केवल अजमेर शरीफ बल्कि पूरे मुल्क में|