जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरी है कि जो सतर्कता और सजगता हमने पहली एवं दूसरी लहर के समय बरती उसे निरंतर बरकरार रखें। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल की पालना आवश्यक रूप से करें। श्री गहलोत ने कहा कि अब तक सब के सहयोग से हमारा कोरोना प्रबंधन पूरे देश में शानदार रहा है। आगे भी हर वर्ग के सुझाव और सहयोग से ही हम इस जंग को जीतेंगे और कोरोना से बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।
गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 को लेकर धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सोशल एक्टिविस्टों तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब कोरोना संक्रमण आया तो सभी वर्गों ने आगे बढ़कर इस चुनौती से सामना करने में सहयोग किया। इसी का परिणाम रहा कि राजस्थान कोविड से निपटने में सबसे आगे रहा।
गहलोत ने कहा कि बीते कुछ दिनों में दुनिया के 125 से अधिक देशों में ओमिक्रोन वैरिएंट का संक्रमण फैल चुका है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में तो लाखों की संख्या में इसके मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वैरिएंट की आर वैल्यू काफी अधिक होने से यह तेजी से फैलता है और कब यह अपना मिजाज बदलकर घातक हो जाए कहा नहीं जा सकता, क्योंकि दूसरी लहर के समय भी अल्फा वैरिएंट म्यूटेट होकर डेल्टा में बदल गया और पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। ऐसे में, हमें ओमिक्रोन वैरिएंट के प्रति पूरी सजगता और सतर्कता रखनी होगी।
हम रैलियां करते हैं तो लोग सवाल उठाते हैं
गहलोत ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी। राजनीतिक रैलियां चल रही हैं। शादियों का सीजन है। हम जब रैलियां करते हैं तो लोग सवाल करते हैं। कहते हैं राजनीतिक कार्यक्रम कर सकते हो और हम पर रोक लगाते हो। हमारे पास जवाब नहीं होता। राजनीतिक दलों को सोचना होगा। मैंने सबसे पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बूस्टर डोज लगाने की मांग उठाई थी। मुझे खुशी है कि पीएम ने बूस्टर डोज की मांग कुछ हद तक मानी है। डब्ल्यूएचओ ने बूस्टर डोज लगाने की सलाह दी है। साथ ही, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना की सुनामी आएगी।
90 फीसदी लोग मास्क नहीं लगा रहे
सीएम ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने बंद कर दिए हैं। 90 फीसदी लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में शहरी निकाय अभियान चलाएं। पुलिस वाले बिना मास्क लोगों को टोकें। आम लोग भी आपस में टोकें। यह अभियान हमने नहीं चलाया, तो कोरोना और फैलेगा। शादी समारोहों में 2 पुलिसवाले भी खड़े हो जाएं तो फर्क पड़ेगा। हम सब मिलकर कोरोना की जंग जीतेंगे।
यह आए सुझाव
नेताओं ने सुझाव दिए कि स्कूलों में वैक्सीनेशन कैंप लगाए जाएं। 15 से 18 साल के बच्चों को शीघ्र वैक्सीन लग जाए ताकि उन्हें संक्रमण का खतरा कम हो। चिकित्सा मंत्री ने कहा- राजस्थान की ओर से केन्द्र को 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के वैक्सीनेशन की आयु सीमा 12 से 18 वर्ष किए जाने का सुझाव दिया गया। सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने रात 11 से सुबह 5 के नाइट कफ्र्यू के इंपैक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे ज्यादा फायदा नहीं होता। इसकी जगह दूसरी व्यवस्था करनी चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों को कंट्रोल करने पर जोर देना होगा।