वाराणसी (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दुग्ध उत्पादों से जुड़ी अमूल सहकारी संस्था की ‘बनास डेयरी संकुल’ परियोजना की आधारशिला रखने के साथ ही लगभग 2100 करोड़ रूपये की लागत वाली 22 परियोजनाओं का शिलान्यास और शुभारंभ किया। इस दौरान प्र.म. मोदी ने देश के लिए पशुधन की उपयोगिता की चर्चा करते हुए गाय को मां समान बताया तो यह भी कहा कि गाय और गोबरधन की बात करना देश में गुनाह बना दिया गया है।
प्र.म. मोदी ने कहा, हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। गाय और भैंस पर चुटकुले बनाने वाले, उन पर निर्भर करोड़ों लोगों की आजीविका के बारे में भूल जाते हैं।
प्र.म. मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। प्र.म. ने कहा कि 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है।
डेयरी सेक्टर बदल सकता है किसानों की स्थिति
प्र.म. मोदी ने कहा, मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास के कई कारण भी हैं। पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढऩे की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं। तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है।
विपक्ष पर निशाना- यूपी को जाति और मजहब के चश्मे से ही देखा
प्र.म. मोदी ने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है। प्र.म. ने कहा, उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा। इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं। मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मजहब के चश्मे से ही देखा।