कोलकाता (एजेंसी)। टीम इंडिया ने वनडे के बाद 3 टी20 की सीरीज में भी वेस्टइंडीज को क्लीन स्वीप किया। कोलकाता में खेले गए आखिरी टी20 मुकाबले में भारत ने 17 रन से जीत हासिल की। इस जीत के साथ टीम इंडिया टी20 में 6 साल बाद नंबर-1 हुई। साथ ही इस जीत से टीम इंडिया का सबसे बड़ी टेंशन भी दूर हो गयी। खुद कप्तान रोहित शर्मा ने सीरीज जीतने के बाद इस बात का खुलासा किया। रोहित ने मैच के बाद कहा, हमारा मिडिल ऑर्डर अभी नया है। हम अपनी कमजोरी को दूर करना चाहते थे। इस सीरीज से मैं खुश हूं। मुझे लगता है कि हम जो चाहते थे, वो शायद हमें मिल गया है।
भारतीय कप्तान का यह बयान टीम की सबसे बड़ी परेशानी यानी मिडिल ऑर्डर की तरफ था और लगता है कि इस साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले यह समस्या काफी हद तक दूर हो गई। टीम इंडिया का यह टेंशन दूर करने में दो खिलाडिय़ों की भूमिका सबसे अहम है। यह दो खिलाड़ी हैं सूर्यकुमार यादव और वेंकटेश अय्यर।
पिछले साल मार्च में सूर्यकुमार की स्थिति उन खिलाडिय़ों जैसी थी, जो टीम इंडिया में जगह पाने का इंतजार कर रहे थे। आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने का भी कोई फायदा नहीं मिल रहा था। मायूसी के बावजूद सूर्यकुमार ने अपने दिमाग को शांत रखा और अपने खेल पर फोकस रखा। जल्द ही उन्हें इसका इनाम मिला और भारतीय टीम से बुलावा आ गया। इस बल्लेबाज ने भी जोफ्रा आर्चर जैसे गेंदबाज की गेंद पर छक्का जड़कर अपने इंटरनेशनल करियर का धमाकेदार आगाज किया।
इसके बाद से उनके लिए जिंदगी पहले जैसी नहीं रही। श्रेयस अय्यर के लिए मिडिल ऑर्डर के बैक-अप के रूप में शुरूआत करने के बाद से ही उन्होंने तेजी से टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई है।
सूर्यकुमार दबाव में भी शांत रहते हैं
सूर्यकुमार के खेल की सबसे बड़ी खूबी है कि वो शांत रहते हैं और परिस्थिति के मुताबिक ढल जाते हैं। रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ जब वो तीसरे टी20 में खेलने उतरे, तब भारत का स्कोर 11 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 66 रन था। रोहित शर्मा 14वें ओवर में आउट हो गए। हालांकि, इसका सूर्यकुमार के खेलने के अंदाज पर असर नहीं पड़ा। उन्होंने खुलकर शॉट्स लगाए और एक मंझे हुए बल्लेबाज की तरफ पूरी पारी को संभाला।
सूर्यकुमार ने मिडिल ऑर्डर की परेशानी दूर की
सूर्यकुमार ने वेस्टइंडीज सीरीज में खेले 3 मैच में 53 से ज्यादा की औसत से 107 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट भी 200 के आसपास रहा। सूर्यकुमार को ‘मैन ऑफ द सीरीजÓ भी चुना गया। यह इस बात का सबूत है कि अब उन्होंने मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की कर ली है और टी20 विश्व कप के दौरान अगर वो प्लेइंग-11 में नजर आए तो किसी को ताज्जुब नहीं होगा।
वेंकटेश मैच फिनिशर के रोल में खरे उतरे
सूर्यकुमार की तरह ही वेंकटेश अय्यर भी मैच फिनिशर और छठे गेंदबाज की भूमिका में काफी हद तक खरे उतरे हैं। सूर्यकुमार से उलट वेंकटेश अय्यर की भारतीय टीम में एंट्री सिर्फ एक आईपीएल सीजन में प्रदर्शन के दम पर हुई है। उन्होंने पारी की शुरूआत करते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल 2021 के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, टी20 विश्व कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के बाद, जब हार्दिक पंड्या के बैकअप की जरूरत महसूस हुई तो वेंकटेश अय्यर को यह मौका मिला और उन्होंने अब तक निराश नहीं किया है।
मुश्किल परिस्थिति में वेंकटेश बल्ले से चमके
आईपीएल के उलट, वेंकटेश भारत के लिए 6 नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। यह एक ऐसी पोजीशन है, जहां आप खुद को 5, 10, 15, या शायद 25 गेंद खेलने के लिए तैयार करते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपके पास फायदे के बजाए खोने को बहुत कुछ है क्योंकि कई बार आप डेथ ओवर में बड़े शॉट खेलने के चक्कर में सस्ते में आउट हो सकते हैं और अगर कुछ मुकाबलों में अगर ऐसा हो जाता है तो निरंतरता हासिल करने के चक्कर में अपना नेचुरल गेम बदल सकते हैं। लेकिन, वेंकटेश के खेल में अब तक ऐसा नजर नहीं आया।
टी20 वल्र्ड कप का दावा मजबूत
इसका सबूत है, उनका न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 डेब्यू, जब उन्होंने पहली ही गेंद को बाउंड्री के लिए भेज दिया था। वो भी तब, जब टीम इंडिया मुश्किल लक्ष्य का पीछा कर रही थी। अगर वेस्टइंडीज के खिलाफ हालिया टी20 सीरीज की बात करें तो 3 में से दो मुकाबलों में वेंकटेश ने मैच फिनिशर का रोल बखूबी निभाया। दूसरे टी20 में उन्होंने ऋषभ पंत के साथ मिलकर 35 गेंद में 76 रन जोड़े और टीम इंडिया ने मैच जीतने लायक स्कोर खड़ा किया और रविवार को 19 गेंद में 35 रन ठोककर यही काम किया।
इस सीरीज में वेंकटेश ने 24*, 33 और 35* रन बनाए। लेकिन इससे ज्यादा अहम यह रहा कि उन्होंने यह रन करीब 180 के स्ट्राइक रेट से ठोके। वहीं, छठे गेंदबाज के रूप में भी वो खरे उतरे। सीरीज में उन्होंने 3 ओवर ही गेंदबाजी की। लेकिन 2 विकेट लेने में सफल रहे। ऐसे में टीम इंडिया की हार्दिक पंड्या जैसे मैच फिनिशर की तलाश काफी हद तक पूरी होती दिख रही है।