जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। रीट में पेपर लीक के बाद हुए विवाद के बीच राजस्थान सरकार नकल रोकने का बिल लाई है। बिल में पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। नकल में शामिल लोगों पर सजा के साथ कम से कम 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
नकल रोकने का बिल गुरूवार को विधानसभा में पेश किया गया। राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक 2022 को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने इस बिल को विधानसभा में रखा। इसके बाद 15 दिन में यह बिल पास हो जाएगा। बिल पास होने के बाद से नकल पर सख्त कानून तय हो जाएंगे। इस बिल में पेपर लीक और नकल गिरोह की संपत्ति जब्त कर नीलाम करने का प्रावधान किया गया है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी से लेकर सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक गिरोह के खिलाफ इस बिल में कड़े प्रावधान किए हैं।
प्रॉपर्टी जब्त कर कुर्क किया जाएगा
नकल और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। नकल गिरोह में शामिल हर व्यक्ति पर कम से कम 10 लाख का जुर्माना होगा। यह जुर्माना 10 करोड़ तक का हो सकेगा। पेपर लीक और नकल से कमाई गई संपति के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है। प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क किया जाएगा।
नकल की तो अभ्यर्थी को 3 साल सजा
किसी भी परीक्षा में अगर कोई अभ्यर्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा और 1 लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। परीक्षार्थी अगर नकल गिरोह का सदस्य है तो उसकी सजा और जुर्माना भी गिरोह के बाकी लोगों की तरह ही होगी। नकल करते पकड़े जाने पर दो साल तक किसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे। स्कूल-कॉलेज से लेकर हर तरह की परीक्षाओं में नकल करने पर दो साल तक परीक्षा देने पर रोक का प्रावधान होगा। अभी भी नकल में शामिल परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोकने और परीक्षा से बाहर करने के प्रावधान हैं, लेकिन अब प्रावधान और कड़े किए जा रहे हैं।
एडिशनल एसपी स्तर का अफसर जांच करेगा : हर तरह की परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध की कैटेगरी में माना जाएगा। ऐसे मामलों में जमानत नहीं होगी। परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की जांच एडिशनल एसपी स्तर का अफसर ही कर सकेगा; इससे नीचे रैंक का पुलिस अफसर इन मामलों की जांच नहीं कर सकेंगे।
रीट पेपर लीक के बाद बिल लाने का फैसला : रीट परीक्षा के पेपर लीक में आरोपियों के पकड़े जाने और भारी राजनीतिक विवाद के बाद गहलोत सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली को बर्खास्त कर दिया था। पेपरलीक मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हो रही हैं। 2 फरवरी को सीएम अशोक गहलोत ने नकल रोकने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी। कड़े प्रावधान का मैसेज देने के लिए सरकार ने रीट पेपर लीक के आरोपी रामकृपाल मीणा का सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए स्कूल को ढहा दिया था। रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग पर भाजपा विधायक विधानसभा सत्र में लगातार हंगामा कर रहे हैं।
एसओजी में एंटी चीटिंग सेल बनेगी : नकल रोकने के लिए जांच एजेंसी एसओजी में एंटी चीटिंग सेल बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को ही बजट में इसकी घोषणा की है। रीट नकल मामले की जांच एसओजी ही कर रही है।
यूपी-हरियाणा की तर्ज पर कानून : नकल के यूपी में योगी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार ने कड़े प्रावधान वाला बिल पास कर चुके हैं। हाल ही यूपी में टेट पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ नए कानून के हिसाब से कार्रवाई करके उनकी प्रोपर्टी जब्त की है। अब राजस्थान में भी उसी तरह के प्रावधान लागू होंगे।