नई दिल्ली (एजेंसी)। दो साल में बिहार से जम्मू-कश्मीर और गोवा के गवर्नर बनाए गए सत्यपाल मलिक अब चौथे राज्य मेघालय के गवर्नर बन चुके हैं। मलिक ने यहां तथागत रॉय की जगह ली है। मेघालय जाने के रास्ते में मलिक ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई घटनाएं और गतिविधियां देखी हैं और उनके गवाह रहे हैं। उन्होंने कहा, अब आराम करने का वक्त आ गया है।
जब उनसे पूछा कि आपका इतनी जल्दी-जल्दी तबादला क्यों हो रहा? क्या आपको हाइपर ऐक्टिव होने और अधिक बयान देने की सजा मिल रही है तो उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैंने जम्मू-कश्मीर में पर्याप्त कार्रवाई की है। हो सकता है कि वहां किए गए कार्य मेरे जीवनभर के लिए पर्याप्त हो। इसलिए अब मेरे लिए आराम करने का समय है। हर बार कार्रवाई करनी अच्छी बात नहीं है। तो मुझे इस बार मेघालय जैसे खूबसूरत जगह जाने दो।
बता दें कि सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर का गवर्नर रहते हुए बयान दिया था कि सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने से बेहतर है कि आप उन्हें मारो, जिन्होंने आपके कश्मीर को लूटा है। उनके इस बयान की सियासी हलकों में खूब आलोचना हुई थी। एक बार उन्होंने दिल्ली से खुफिया जानकारी पर भरोसा करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वो उनके इनपुट्स नहीं मानते। गोवा में भी उन्होंने सीएम प्रमोद सावंत को कोरोना संकट से निपटने में सक्षम नहीं बताते हुए उनकी आलोचना की थी और सरकारी कदम में खामियां गिनाईं थीं।
गोवा के सीएम प्रमोद सावंत के साथ मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा, मुझे अच्छा ‘व्यक्तिगत तालमेलÓ पसंद है। लेकिन यह सच है कि मैं उन चीजों के बारे में मुखर हुआ करता था जो मुझे गलत लगती थीं। अगर इस तरह का कोई मामला या भ्रष्टाचार या अनियमितता है, तो मैं फिर बात करूंगा। हो सकता है, कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आए। गवर्नर आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं।
सत्यपाल मलिक ने कहा, सीएम प्रमोद सावंत ने उन्हें अपने घर भोज पर आमंत्रित किया था लेकिन नहीं मैं नहीं जा सका। उन्होंने कहा, मेरे पास गोवा में करने के लिए बहुत कुछ नहीं था। मेघालय एक बड़ा राज्य है। मुझे वहां जाने दो। इस सवाल पर जवाब देते हुए कि क्या उनकी समाजवादी पृष्ठभूमि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में एक मुद्दा बन गई है, उन्होंने कहा, नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा मेरे साथ बहुत सहज है।