‘आदिवासियों का इतिहास दबा रही भाजपा’
डूंगरपुर (प्रात:काल संवाददाता)। राहुल गांधी ने प्र.म. मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों को दबाने कुचलने का काम करती है। दो विचारधाराओं की लड़ाई है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी है जो कहती है सबकी रक्षा करनी है, सबको जोड़कर चलना है। दूसरी तरफ भाजपा है जो बांटने का काम करती है, दबाने कुचलने का काम करती है। उदयपुर में तीन दिन के चिंतन शिविर में पार्टी में बदलावों का फैसला करने के बाद राहुल गांधी सोमवार को बेणेश्वर धाम में 132 करोड़ की लागत के हाईलेवल पुल के उद्घाटन अवसर पर सभा संबोधित कर रहे थे।
राहुल ने कहा कि भाजपा दो हिंदुस्तान बनाना चाहती है। एक हिंदुस्तान अमीरों- उद्योगपतियों का और दूसरा गरीब आदिवासियों का। हम एक ही हिंदुस्तान के पक्ष में हैं। आदिवासियों और कांग्रेस पार्टी का गहरा रिश्ता है। आपके इतिहास की हम रक्षा करते हैं। आपके इतिहास को मिटाना दबाना नहीं चाहते हैं, जब हमारी यूपीए की सरकार थी तो आपके लिए आपकी जमीन, जंगल, जल की रक्षा करने के लिए ऐतिहासिक कानून लाए। बेणेश्वर में जब मेला होगा तो मैं भी आना चाहूंगा। यह आदिवासियों का महाकुंभ होता है। मैं भी आंखों से देखना चाहता हूं, दर्शन करना चाहता हूं।
गहलोत सबके लिए काम कर रहे
गहलोत सबके लिए काम कर रहे हैं। वे उद्योगपतियों के लिए काम नहीं कर रहे। बाकी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री चंद उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं। यहां सबके लिए काम कर रहे हैं । भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस तरह काम नहीं कर रहे।
राजस्थान हेल्थ में सब प्रदेशों से आगे
राहुल गांधी ने गहलोत सरकार की तारीफ करते हुए कहा- राजस्थान की सरकार आदिवासियों के लिए काम कर रही है। राजस्थान हेल्थ में सब प्रदेशों से आगे है। यहां स्वास्थ्य के लिए 10 लाख का बीमा है। कोई भी राज्य सरकार हेल्थ के क्षेत्र में इतना काम नहीं कर रही है। इंग्लिश मीडियम स्कूल के बारे में गहलोत बता रहे थे। इसका आदिवासियों को बड़ा फायदा होगा। वे कहीं भी रोजगार पा सकते हैं।
भाजपा दो हिंदुस्तान बनाना चाहती है
राहुल ने कहा कि भाजपा की सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की। गलत जीएसटी लागू की। हमारी अर्थव्यवस्था खराब हो गई। भाजपा ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। काले कानून लाए। किसानों के खिलाफ कानून लाए। सभी किसान एक साथ खड़े हुए। इसलिए कानून वापस लेने पड़े।
खोई हुई जमीन फिर पाने की कवायद
असल में दक्षिणी राजस्थान में इस स्थान पर सभा का सियासी मैसेज है। चिंतन शिविर खत्म होने के ठीक अगले दिन सोमवार को हुई इस सभा को आदिवासी इलाके की राजनीति के हिसाब से अहम माना जा रहा है। आदिवासी कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा है, लेकिन भाजपा के बाद स्थानीय पार्टियों ने इसमें सेंध लगा दी है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के उभार के बाद कांग्रेस को बांसवाड़ा-डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर के आदिवासी बहुल सीटों पर भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बीटीपी ने पिछल बार दो सीटें जीतीं थीं। इस बार गुजरात में बीटीपी और आम आदमी पार्टी का गठबंधन है। इस गठबंधन का कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। इस गठबंधन से कांग्रेस की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
विधानसभा-लोकसभा चुनावों से पहले भी राहुल गांधी की सभाएं हुईं
सचिन पायलट के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए बांसवाड़ा डूंगरपुर के अलावा बेणेश्वर में राहुल गांधी की सभाएं हो चुकी हैं। बेणेश्वर धाम की सभा आदिवासी इलाके में सियासी मैसेज देने के हिसाब से अहम मानी जाती हैं। लोकसभा चुनाव के वक्त भी अप्रैल 2019 में बेणेश्वर में सभा हुई थी, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। इससे पहले सोनिया गांधी की भी सीएम अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल से पहले और बाद में सभाएं हुई थीं।
पड़ोसी राज्यों के आदिवासियों को सियासी मैसेज
बेणेश्वर धाम आदिवासी आस्था का बड़ा केंद्र है। दक्षिणी राजस्थान के अलावा गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासियों में भी बेणेश्वर धाम की श्रद्धा है। यहां सभा करने से तीन राज्यों के आदिवासियों में मैसेज जाता है। गुजरात में इसी साल चुनाव हैं। पिछले दिनों ही गुजरात के दाहोद में राहुल गांधी की सभा हो चुकी है।
चिंतन शिविर में जनता के बीच जाने का फैसला, इसकी शुरूआत बेणेश्वर से
कांग्रेस चिंतन शिविर में जनता के बीच जाने और आउटरीच कार्यक्रम करने का फैसला हुआ है। इसके तहत सभाओं के अलावा यात्राएं करने का भी कार्यक्रम है। बेणेश्वर धाम से सभा के जरिए कांग्रेस के जनता से कनेक्ट होने की शुरूआत मानी जा रही है।