अलवर (एजेंसी)। नए कृषि कानूनों का विरोध अब एनडीए के अंदर भी तेज हो गया है। अकाली दल के अलायंस छोडऩे के 3 महीने के बाद एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) भी एनडीए से अलग हो गई। अलवर के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर आरएलपी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने का ऐलान किया। किसानों के मुद्दे पर बेनीवाल ने 19 दिसंबर को संसद की तीन समितियों से भी इस्तीफा दे दिया था।
हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2019 में अपनी पार्टी आरएलपी के साथ एनडीए से जुड़े थे। गठबंधन के चलते भाजपा ने नागौर लोकसभा सीट पर बेनीवाल के सामने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। लेकिन, अब बेनीवाल ने कहा है- आज से भाजपा से अलायंस खत्म हो गया। किसानों के लिए जरूरत पड़ी तो सांसद पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। यदि कानून लाते वक्त संसद में होता, तो यह कागज फाड़ देता। पिछले दिनों बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को 2 लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कृषि बिलों को वापिस न लेने पर अड़ी हुई है। ये तीनों बिल किसानों के खिलाफ हैं, इसलिए मैंने एनडीए छोड़ दी है।
कांग्रेस के साथ जाने के सवाल पर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस के साथ किसी प्रकार का गठबंधन नहीं करूंगा।
एनडीए से अलग होने के ऐलान के बाद हनुमान बेनीवाल ने मीडिया से कहा, मैंने किसानों के समर्थन में एनडीए का साथ छोड़ा है क्योंकि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून बनाए हैं, वो किसान विरोधी हैं, लेकिन मेरे एनडीए छोडऩे का अर्थ यह नहीं कि हमारी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी।