
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 6 अप्रैल 2025 को रामेश्वरम में देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए तैयार किया गया है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक अहम कदम है।
इस मौके पर आयोजित रैली में पीएम मोदी ने तमिल भाषा को लेकर हो रहे राजनीतिक विमर्श पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग तमिल भाषा पर गर्व की बातें करते हैं, वे खुद पत्राचार में अंग्रेज़ी का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "तमिल में गर्व कहां चला जाता है, जब पत्रों में साइन अंग्रेज़ी में होते हैं?"
मोदी ने तमिलनाडु सरकार से यह अपील भी की कि मेडिकल कोर्स को तमिल भाषा में भी शुरू किया जाए ताकि राज्य के गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र बिना भाषा की बाधा के डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकें।
अपने भाषण में पीएम मोदी ने बीते 10 वर्षों में देश के आर्थिक विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर में आई क्रांति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की इकोनॉमी का साइज दोगुना हुआ है और इसका बड़ा श्रेय सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, पोर्ट और गैस पाइपलाइन जैसे क्षेत्रों में हुए जबरदस्त निवेश को जाता है।
तमिलनाडु के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जहां 2014 से पहले राज्य को हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये मिलते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 6,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। राज्य के 77 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाया जा रहा है, जिनमें रामेश्वरम भी शामिल है। पीएम मोदी के इस बयान ने न सिर्फ तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि यह भाषाई और विकास की बहस को एक नई दिशा भी दे रहा है।