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व्हाइट हाउस ने मंगलवार को जानकारी दी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले टैरिफ तुरंत प्रभावी हो जाएंगे। वहीं, ऑटो टैरिफ 3 अप्रैल से तय कार्यक्रम के अनुसार लागू किए जाने वाले हैं। यह कदम अमेरिकी व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अमेरिकी उद्योगों और श्रमिकों के हितों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है।
टैरिफ घोषणा का समय और प्रक्रिया :
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने व्यापार सलाहकारों के साथ मिलकर टैरिफ योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। लेविट ने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार, टैरिफ की घोषणा कल की जाएगी," जिससे यह संकेत मिलता है कि अगले 24 घंटे में इस विषय में और विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। इस घोषणा के साथ ट्रंप प्रशासन ने तुरंत प्रभावी होने वाले टैरिफ का संकेत देते हुए आगे की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला है।
अमेरिकी श्रमिकों का हित और बातचीत की संभावना :
कैरोलिन लेविट ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने व्यापार और टैरिफ टीम के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं कि अमेरिकी श्रमिकों को एक बेहतर और न्यायसंगत सौदा मिले। राष्ट्रपति उन देशों और कंपनियों के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं, जो कम दरों की मांग कर रहे हैं। यह रणनीति अमेरिकी हितों के संरक्षण के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समीकरणों में संतुलन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पिछले कदम और आगे की रणनीति :
20 जनवरी के बाद से राष्ट्रपति ट्रंप ने कई आयात शुल्क लगाए हैं, जिनमें कनाडा और मैक्सिको से आयात, धातुओं पर शुल्क, और हाल ही में ऑटोमोबाइल पर शुल्क शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने लिबरेशन डे के अवसर पर रेसिप्रोकल टैरिफ घोषित करने की योजना भी बनाई है। यह घोषणा व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में आगामी बुधवार को शाम 4 बजे (स्थानीय समय) की जाएगी। इस संदर्भ में यह भी उल्लेखनीय है कि कारों पर स्थायी टैरिफ इस गुरुवार से लागू होने जा रहे हैं, जिससे यह कदम और व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालने वाला प्रतीत होता है।
आगे क्या हो सकता है ?
विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफों के लागू होने से अमेरिकी बाजार में नई ऊर्जा का संचार हो सकता है और घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा के मुकाबले संरक्षण मिल सकता है। हालांकि, यह भी संभावित है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रत्युत्तरात्मक कदम उठाए जाएं, जिससे वैश्विक व्यापारिक संबंधों में अस्थिरता आ सकती है। कई देशों ने पहले ही राष्ट्रपति से बातचीत की इच्छा जताई है, जो आगे चलकर व्यापक समझौते और वार्तालापों में परिणत हो सकती है। टैरिफों की ये नई घोषणाएँ ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जिनका उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों और उद्योगों के हितों का संरक्षण करना है। जैसे-जैसे 2 और 3 अप्रैल के टैरिफ लागू होने की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं, नीतियों के प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और संभावित बातचीत के परिणामों पर नजर रखना आवश्यक होगा। आने वाले समय में इस कदम की व्यापकता और प्रभावों का विश्लेषण और चर्चा जारी रहने की संभावना है।