Tuesday, 8 April, 2025

वक्फ संपत्तियों पर बवाल; नए बिल में क्या बदलेगी सरकार?

वक्फ कानून में संशोधन पर घमासान, पारदर्शिता या सियासी मुद्दा?

Pratahkal    02-Apr-2025
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Parliament and Waqf Bord
 
संसद में आज वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया, जिससे देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। सरकार का दावा है कि इस संशोधन से वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता आएगी और महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य होगी, लेकिन विपक्ष और मुस्लिम समुदाय इसे धार्मिक मामलों में सरकारी दखल बता रहे हैं।
 
क्या है वक्फ और क्यों हो रहा है विवाद ?
 
वक्फ एक इस्लामिक व्यवस्था है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर देता है। देश में 9.4 लाख एकड़ भूमि और 8.7 लाख संपत्तियां वक्फ बोर्डों के अधीन हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
 
संशोधन के तहत ये बड़े बदलाव होंगे :
 
✅ वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य पंजीकरण
✅ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति सरकार करेगी
✅ गैर-मुस्लिम भी बन सकेंगे बोर्ड सदस्य
✅ महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य होगी
 
विपक्ष और मुस्लिम समुदाय की आपत्तियां :
 
मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश है और इससे समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता खतरे में पड़ सकती है।
 
क्या इस बिल से वक्फ संपत्तियों पर सरकारी कब्जा होगा ?
 
सरकार ने साफ किया है कि यह केवल पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार के लिए किया जा रहा है। लेकिन इस पर मुस्लिम समुदाय और विपक्ष का भारी विरोध जारी है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार विरोधियों को भरोसे में लेकर बिल को पास कराएगी या यह विवाद और गहरा होगा?