पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में वक्फ कानून के खिलाफ शुक्रवार को भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। हिंसा की इस लहर में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, सड़कें जाम रहीं और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं।
TMC ने केंद्र को ठहराया दोषी, बोले – 'हिंसा के लिए मोदी-योगी जिम्मेदार' :
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने हिंसा के लिए सीधा केंद्र सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के वरिष्ठ विधायक मदन मित्रा ने एक विवादित बयान में कहा कि “देश में जितने भी दंगे-फसाद हो रहे हैं, उनके लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं।" उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी की सरकार सभी को साथ लेकर चल रही है और जब तक ममता हैं, बंगाल में कोई हिंसा नहीं हो सकती।
मित्रा ने यह भी कहा कि बीजेपी 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले दंगे कराना चाहती है और यहां तक कि पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात पैदा करना चाहती है। उन्होंने केंद्र पर वक्फ कानून लाकर जानबूझकर तनाव फैलाने का आरोप लगाया।
BJP का पलटवार – 'ममता सरकार की तुष्टिकरण नीति का नतीजा' :
वहीं, बीजेपी ने टीएमसी के आरोपों को खारिज करते हुए ममता बनर्जी सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि “मुर्शिदाबाद को बंगाल से अलग करने की साजिश चल रही है। हिंदू इलाकों में तोड़फोड़ और हत्याएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।”
घोष ने बंगाल पुलिस के डीजीपी पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब हिंसा में लोग मारे जा रहे हैं, तब भी अधिकारी यह कहने में लगे हैं कि 'कुछ नहीं हुआ'।
स्थिति पर नियंत्रण के प्रयास, लेकिन तनाव बरकरार :
अब तक हिंसा में शमशेरगंज और मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है और हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने हैं। जहां टीएमसी इसे बीजेपी की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।