
महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर तीखी जुबानी जंग का गवाह बन गई है। एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत पर जबरदस्त हमला बोला है। राउत के “बलि का बकरा” वाले बयान पर पलटवार करते हुए निरुपम ने साफ कहा – “शिंदे जी बकरा नहीं, शेर हैं। उन्होंने शिवसेना को बचाया है, न कि किसी के आगे झुके।” एक प्रेस कांफ्रेंस में संजय निरुपम ने संजय राउत की बयानबाज़ी को गैर-जिम्मेदार और ‘महामूर्खता’ करार दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “संजय राउत अब उन लोगों के साथ त्योहार मनाने लगे हैं जो बकरा ईद मनाते हैं, शायद इसलिए अब उनकी जुबान भी वैसी हो गई है। उन्हें समझना चाहिए कि महाराष्ट्र की असली ताकत ‘शेर’ में है, न कि ‘बकरे’ में।”
निरुपम यहीं नहीं रुके। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर भी सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जिस शिवसेना को बाला साहेब ठाकरे ने खड़ा किया था, उसे कांग्रेस और एनसीपी के हवाले कर दिया गया। "हम पर गौमांस खाने वालों के साथ खड़े होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन खुद उन्हीं के साथ गठबंधन कर बैठे हैं – ये दोहरी मानसिकता नहीं तो और क्या है?" – निरुपम ने सवाल उठाया।
‘सरकार गिरेगी’ से लेकर ‘जनता का जवाब’ तक :
संजय निरुपम ने याद दिलाया कि 2022 में जब शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री, तब से राउत लगातार कहते आ रहे हैं कि सरकार अगले महीने गिर जाएगी। “लेकिन सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया और जनता ने दोबारा जीताकर उन्हें जवाब दे दिया,” उन्होंने कहा।
‘विधायकों की ख़रीद-फरोख्त का झूठ फैलाया गया’ :
विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों पर भी निरुपम ने सफाई दी और दावा किया कि उनकी राजनीति सकारात्मक और विचारधारा-आधारित है, न कि सौदेबाज़ी पर टिकी हुई। उन्होंने शिवसेना UBT को निशाना बनाते हुए कहा, “20% स्ट्राइक रेट वाली पार्टी को जनता ने आईना दिखा दिया है। उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब के विचारों से गद्दारी की है और संजय राउत जैसे नेता झूठी खबरों के सरदार बन गए हैं।”
'संजय राउत महाराष्ट्र के महामूर्ख हैं' :
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन करते हुए संजय निरुपम ने तीखे शब्दों में कहा, “संजय राउत महाराष्ट्र के महामूर्ख हैं, जो सिर्फ झूठ बोलते हैं और अफवाहें फैलाते हैं।”