सोने पर लोन के नियम कड़े, कीमत का सिर्फ़ 75% तक ही मिलेगा कर्ज़

Pratahkal    11-Apr-2025
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RBI
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के बदले दिए जाने वाले लोन पर सख़्ती बढ़ा दी है। 3 अप्रैल को जारी नए ड्राफ्ट नियमों में आरबीआई ने लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) यानी गिरवी रखे गए सोने की कीमत के मुकाबले दिए जाने वाले लोन की अधिकतम सीमा तय कर दी है। अब सोने के कुल मूल्य का सिर्फ़ 75% तक ही लोन मिल सकेगा। यह नियम सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर एक समान रूप से लागू होगा, चाहे लोन किसी भी उद्देश्य से लिया गया हो।
कोविड के समय आरबीआई ने यह सीमा अस्थायी रूप से बढ़ाकर 90% कर दी थी, लेकिन अब इसे फिर से 75% तक सीमित किया जा रहा है।
 
आरबीआई ने यह भी कहा है कि बैंकों और एनबीएफसी को अपने-अपने रिस्क असेसमेंट यानी जोखिम मूल्यांकन के आधार पर एलटीवी की सीमा खुद तय करनी होगी। साथ ही, सोने की शुद्धता और वजन मापने की एक समान प्रक्रिया अपनानी होगी और उसका विवरण अपनी वेबसाइट पर देना होगा। हर ब्रांच में यह नियम एक जैसा लागू होगा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि, “सभी वित्तीय संस्थाओं में नियमों को समान बनाने, उनके जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखने और कुछ मौजूदा चिंताओं को दूर करने के लिए ये नए व्यापक नियम बनाए जा रहे हैं।”
ये प्रस्ताव आरबीआई की नियामक और विकास से जुड़ी योजना का हिस्सा हैं। इन्हें जनता से राय लेने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
 
आरबीआई ने यह भी कहा है कि सोने के बदले लोन देने का फ़ैसला सिर्फ़ सोने की कीमत देखकर नहीं, बल्कि उधार लेने वाले की क्रेडिटवर्थिनेस और उसकी ज़रूरत के हिसाब से होना चाहिए। अगर कोई लोन किसी उत्पादक काम के लिए लिया जा रहा है, तो उसकी श्रेणी तय करते समय उस काम को ध्यान में रखा जाए, न कि सिर्फ़ गिरवी रखे गए सोने को।
गौरतलब है कि कोविड के दौरान आरबीआई ने एक साल के लिए 90% तक का लोन-टू-वैल्यू रेशियो मंज़ूर किया था।