मुंबई। बुधवार को जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन की ओर से विश्व नवकार महामंत्र दिवस मनाया गया। दुनिया के 108 देशों में एक साथ नवकार महामंत्र का जाप किया गया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपस्थित होकर नवकार महामंत्र के आध्यात्मिक अनुभव पर प्रकाश डाला। नवकार मंत्र के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव को प्रकट करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे वे अपने भीतर नवकार मंत्र की आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करते रहते हैं। कार्यक्रम के दौरान जीतो एपेक्स के चेयरमेन पृथ्वीराज कोठारी, प्रेसिडेंट विजय भंडारी, सेकेट्री जनरल ललित डाँगी, नरेंद्र श्रीश्रीमाल प्रदीप राठौड, मोतीलाल ओसवाल व गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सिंघवी ने प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मोदी का आध्यात्मिक रूप
आयोजन में धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना जूते पहने कार्यक्रम में पहुंचे और मंच पर ना बैठकर भीड़ में लोगों के साथ बैठे। उन्होंने कहा कि मैं गुजरात में जन्मा हूं, जहां जैन धर्म का प्रभाव हर गली में दिखाई देता है। बचपन से ही मुझे जैन आचार्यों का सानिध्य प्राप्त हुआ है। मोदी ने नवकार मंत्र का पाठ किया और मंत्र को ऊर्जा का एकीकृत प्रवाह बताया और कहा कि यह मन की स्थिरता, समभाव की संस्कृति और आत्मिक चेतना सहित आंतरिक प्रकारा की सामंजस्यपूर्ण लय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नवकार मंत्र शब्दों और विचारों से परे है और मन और चेतना के भीतर गहराई से गूंजती है।
इनकी रही उपस्थिति
समारोह में संजय डाँगी, राकेश मेहता, अजय संचेती, सुभाषचंद्र रुणवाल, नरेन्द्र बलदोटा, प्रकाश बी. जैन, सुखराज नाहर, दिलीप सुराणा, हितेश दोशी, सुनिल सिंधी, शैलेष लोढ़ा, तेजराज गुलेच्छा, सुरेश मुथा, रमेश हरण, उत्तम जैन, गौतम जैन, शांतिलाल कवाड, उज्वल पगारिया, नरेन्द्र मेहता, डॉ गौतम भंसाली सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
मुंबई में विभिन्न जगहों पर भी हुए आयोजन
मुंबई महानगर में रहने वाले जैन समाज के चारों पंथों के विभिन्न आराधना स्थलों पर यह कार्यक्रम बड़ी संख्या में आयोजित हुए जिसमें जीतो के विभिन्न उपक्रमों के पदाधिकारी की सक्रिय भागीदारी रही।