प्राकृतिक हीरों की वैश्विक मांग में उछाल, दो महीनों में दाम 10% बढ़े

Pratahkal    29-Mar-2025
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Mumbai
मुंबई। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक हीरों की मांग में फिर से तेजी आने के चलते बीते दो महीनों में इनके दामों में औसतन 10% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका, यूरोप, चीन, पश्चिम एशिया और भारत जैसे प्रमुख बाजारों में उपभोक्ताओं की रुचि बढ़ने से यह तेजी 2025 तक बनी रह सकती है।
 
अभी अच्छी गुणवत्ता वाले हीरे का औसत मूल्य 5 लाख रुपये प्रति कैरेट तक पहुंच गया है, जो जनवरी की शुरुआत में 4.5 लाख रुपये था। सबसे अधिक उपयोग होने वाले हीरे की कीमत 2.7 लाख रुपये से बढ़कर 3 लाख रुपये हो चुकी है। डि बियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक अमित प्रतीहारी के अनुसार, भारत में इस कैलेंडर वर्ष में हीरों की खपत में 15-20% तक वृद्धि होने की संभावना है। छोटे आकार के हीरों की मांग विशेष रूप से बढ़ी है, जिनकी कीमत में दो महीनों में ही 6% की बढ़ोतरी हुई है। शहरी उपभोक्ता पहले ही छोटे आकार के हीरे खरीद रहे हैं, इसलिए अब सॉलिटेयर हीरों की मांग बढ़ रही है।
 
देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों से भी मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रत्न एवं आभूषण बाजार 85 अरब डॉलर का रहा, जिसमें हीरे के आभूषणों की हिस्सेदारी 8.5 अरब डॉलर की रही।
 
किरण जेम्स के वैश्विक निदेशक दिनेश लाखानी ने कहा कि प्राकृतिक हीरों की वापसी उपभोक्ताओं के लग्जरी क्षेत्र में फिर से विश्वास लौटने का संकेत है। इसके साथ ही निर्माताओं द्वारा इन्वेंट्री नियंत्रण की रणनीति ने भी मांग को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई है।
 
हालांकि हालिया तेजी के बावजूद हीरे की कीमतें अब भी वर्ष 2022 की शुरुआत में महामारी के बाद ‘रिवेंज स्पेंडिंग’ के दौर में दर्ज किए गए सर्वकालिक उच्च स्तर—6,819 डॉलर (लगभग 5.85 लाख रुपये) प्रति कैरेट से नीचे हैं।
 
इस मांग वृद्धि से सूरत जैसे प्रमुख हीरा तराशने और पॉलिशिंग हब में गतिविधियां फिर से तेज हो गई हैं। यहां के 8 लाख से अधिक श्रमिक अब वेतनवृद्धि की मांग कर रहे हैं। डायमंड वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने कहा कि अब जबकि छोटे हीरों की मांग फिर से बढ़ रही है, ऐसे में श्रमिकों को वेतन में बढ़ोतरी और वार्षिक वेतनवृद्धि प्रणाली मिलनी चाहिए।