मुंबई। दूध और उससे संबंधित खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट अत्यंत गंभीर विषय है और इससे लोगों के जीवन को खतरा उत्पन्न होता है। इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूध और उससे संबंधित खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर मकोका के तहत सख्त कार्रवाई के लिए वर्तमान कानून में संशोधन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बाबत मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं।
एनालॉग चीज को एनालॉग पनीर के नाम से बेचना और पंढरपुर के भोसे में उजागर हुई दूध मिलावट की घटना के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में समिति कक्ष में बैठक आयोजित की गई थी। उन्होंने दूध में मिलावट की जांच हेतु तुरंत प्रत्येक विभाग में एक प्रयोगाशाल शुरू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि पनीर में एनालॉग चीज है, तो उससे संबंधित जानकारी दुकान के दर्शनीय भाग में प्रदर्शित करने के संबंध में निर्देश दिए जाएं। दूध मिलावट के संबंध में जनजागृति की जाए। मिलावट के संदर्भ में जनता को शिकायत दर्ज कराने हेतु टोल फ्री नंबर सही तरीके से चालू किया जाए। एक पोर्टल विकसित किया जाए, ऐसे निर्देश उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दिए। दूध में मिलावट रोकने हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को अत्याधुनिक तकनीक और यंत्रसामग्री खरीदने के लिए अनुपूरक मांगों में और अधिक निधि प्रदान की जाएगी, ऐसा आश्वासन उन्होंने दिया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में मानव संसाधन की कमी को दूर करने हेतु डेयरी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा ली जाए, ऐसे निर्देश भी उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दिए।