उदयपुर, नगर संवाददाता | मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन पर सोमवार को उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलिन हुआ। महासितया पर राजपरिवार के श्मशान घाट पर अरविंद सिंह मेवाड़ को उनके पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सजल आंखों से मुखग्निी दी। इससे पहले पूरे शहर में अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा निकाली गई और जगह-जगह पर शहरवासियों ने पुष्प वर्षा कर मेवाड़ को अंतिम विदाई। इस दौरान नाथद्वारा विधायक और एकलिंग नाथ दीवान विश्वराज सिंह मेवाड़ के साथ-साथ कई राजघरानों, ठिकानों के मौतबीर लोग अंतिम यात्रा में मौजूद रहे।
पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का रविवार को निधन हो गया था, वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को निधन के वाद सोमवार को उनके पार्थिव देह को शंभू निवास पैलेस परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई।
इस दौरान उदयपुर और आस-पास के शहरों से सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने अरविंद सिंह मेवाड़ के दर्शन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस दौरान लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ-साथ उनका परिवार मौजूद रहा। यहां पर जामनगर राजपरिवार के उत्तराधिकारी और पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान अजय जड़ेजा, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया, कवि और टीवी सेलीब्रिटी शैलेष लोढ़ा, ताज ग्रुप के सीईओ पुनीत चटवाल, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद मीणा, ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी, वल्लभनगर पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत, रणधीरसिंह भीण्डर, लोक गायक छोटू सिंह रावणा सहित कई जनप्रतिनिधियों और विभिन्न राजपरिवार से जुड़े सदस्यों ने अरविंद सिंह मेवाड़ को श्रद्धाजंलि दी और उनके अंतिम दर्शन किए। साथ ही विभिन्न समाजों, संगठनों एवं गणमान्य नागरिकों के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पुष्पाजंलि अर्पित की। इस दौरान लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अपनी दोनों बहनों से गले लगकर रो पड़े।
सुबह 11 बजे शंभू निवास पैलेस भी से अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई। अंतिम यात्रा में सबसे आगे गजराज, पैलेस के घुड़सवार, पैलेस का बैण्ड तत्पश्चात, दो अन्य बैण्ड मातमी धुन बिखेरते हुए चल रहे थे। पीछे अपने पिता की पार्थिव देह को कंधे पर उठाए लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ और समाज जन चल रहे थे। पूरे मार्ग में फूलों की चादर सी बिछा दी थी। पूरे मार्ग में दोनों ओर सैंकड़ों की सं या में महिला, पुरुष व बच्चों ने पुष्पाजंलि अर्पित की। सबसे पिछे खुली जीप में चांदी के सिक्के व अन्य सिक्कों के साथ चावल की फूली की वर्षा कर रहे थे। अंतिम यात्रा शंभू निवास से प्रारंभहोकर बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहलीगेट, शास्त्री सर्कल होते हुए शक्तिनगर में बने विश्राम घाट पर रीति रिवाज के अनुसार कुछ देर रूके, पूजा-अर्चना के बाद पुनः अंतिम यात्रा महासतियां के लिए बढ़ी। अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह आयड़ होते हुए महासतियां तक पहुंची, जहां पर समाज के लोगों ने चिता तैयार की और पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से सभी अंतिम किर्याक्रम को पूर्ण करवाया। मंत्रोच्चार के बीच ही पुत्र की लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सजल आंखों से अपने पिता के पुनः आखिरी दर्शन कर मुखाग्नि दी और उनका पार्थिव देह पंचतत्व में विलिन हो गया। इस दौरान बैण्ड ने मातमी धुन बिखेरी।
पोते. पोतियों ने दी पुष्पाजलि
अरविन्द सिंह मेवाड़ को शंभू निवास पर पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ बहू निवृत्ति कुमारी मेवाड़, पोतिया मोहलक्षिका, प्राणेश्वरी कुमारी, पोते हरितराज सिंह मेवाड़ एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने पुष्पाजंलि अर्पित की। प्रातः 11 बजे शंभू निवास से शव यात्रा आरंभ हुई तो उनके पोते हरितराज सिंह भी काफी रास्ते तक पैदल साथ चले।
चांदी के सिक्कों की बारिश
अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा के दौरान पूरे मार्ग में गुलाब के फूलों की चादर सड़क पर बिछा थे। पिछे खुली जीप से चावल फूली के साथ नये सिक्कों के साथ-साथ चांदी के सिक्कों की भी बारिश की जा रही थी। जिसे लोग एकत्र रहे थे।
जयकारों के नारों से गूंजा मार्ग
मेवाड़ पूर्व राजघराने के सदस्य अरविन्द सिंह मेवाड़ के पार्थिव देह को शंभू निवास पैलेस से रवाना होने के साथ ही शहरवासी भगवान एकलिंग नाथ की जय-जयकार के साथ-साथ अरविंद सिंह मेवाड़ के अमर होने के जय-जयकार कर रहे थे।