उत्तर प्रदेश में लंबे इंतजार और संगठनात्मक माथापच्ची के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रदेश के कई जिलों में नए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। हालांकि, अभी भी कई जिलों में अध्यक्ष पद पर पार्टी ने नाम तय नहीं किए हैं, जिससे संगठन में उत्सुकता बनी हुई है।
आगरा में नए जिलाध्यक्षों का ऐलान, ब्रज क्षेत्र कार्यालय में जश्न :
आगरा में भाजपा महानगर और जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
१) आगरा महानगर अध्यक्ष – राजकुमार गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई।
२) आगरा जिला अध्यक्ष – प्रशांत पोनिया बनाए गए।
इस ऐलान के बाद भाजपा ब्रज क्षेत्र कार्यालय पर जश्न का माहौल बन गया और कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की।
मुरादाबाद, फिरोजाबाद और अन्य जिलों में नए चेहरे :
१) मुरादाबाद – आकाश पाल को फिर से जिलाध्यक्ष बनाया गया, जबकि गिरीश भंडुला को महानगर अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
२) फिरोजाबाद – सतीश दिवाकर को भाजपा महानगर अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन जिला अध्यक्ष की घोषणा फिलहाल नहीं हुई।
अब तक 68 जिलों में हुई घोषणा, 30 जिलों में इंतजार जारी है| बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के 98 संगठनात्मक जिलों में से 68 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी है, जबकि 30 जिलों के अध्यक्षों के नामों का ऐलान अभी बाकी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बाकी जिलों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
जिलावार प्रमुख नियुक्तियां :
१) बुलंदशहर – विकास चौहान (रिपीट)
२) इटावा – अन्नू गुप्ता
३) गाजीपुर – ओमप्रकाश राय
४) ललितपुर – हरिश्चंद्र रावत
५) अमेठी – सुधांशु शुक्ला
६) गोरखपुर जिला अध्यक्ष – जनार्दन तिवारी
७) गोरखपुर महानगर अध्यक्ष – देवेश श्रीवास्तव
८) प्रयागराज महानगर अध्यक्ष – संजय गुप्ता
९) नोएडा जिला अध्यक्ष – अभिषेक शर्मा
१०) नोएडा महानगर अध्यक्ष – महेश चौहान
११) मेरठ महानगर अध्यक्ष – विवेक रस्तोगी
१२) रामपुर – हरीश गंगवार
१३) कानपुर दक्षिण – शिवराम सिंह
१४) बस्ती – विवेकानंद मिश्रा
१५) बलिया – संजय मिश्रा
बीजेपी संगठन में बदलाव का क्या है मतलब ?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति का अहम हिस्सा है। नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में कार्यकर्ताओं को संगठित करने में मदद मिलेगी।
अब आगे क्या ?
बीजेपी जल्द ही बाकी 30 जिलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर सकती है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि पार्टी किस रणनीति के तहत यह बदलाव कर रही है। सभी की नजरें अब उन जिलों पर टिकी हैं, जहां नए अध्यक्षों के नाम आना बाकी है।