उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर संभल को लेकर बड़ा बयान दिया है, लेकिन इस बार उनका रुख कुछ अलग नजर आया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र पांचजन्य द्वारा आयोजित महाकुंभ पर महामंथन कार्यक्रम में जब उनसे संभल के मौजूदा विवाद पर सवाल किया गया, तो उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब वेद-पुराण और ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए दिया। सिर्फ यही नहीं, सीएम योगी ने इस दौरान दुनिया में भगवा लहराने का भी ऐलान कर दिया। उनका यह बयान साफ इशारा करता है कि 2027 के चुनाव से पहले हिंदुत्व की पिच और मजबूत करने की तैयारी हो रही है। अब सवाल यह उठता है कि क्या योगी का यह बयान यूपी की राजनीति में कोई नया मोड़ लाएगा?
संभल बना हिंदुत्व की सियासी प्रयोगशाला, योगी ने पलटे इतिहास के पन्ने !
उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 के चुनाव की आहट तेज हो गई है, और इस बार सियासत की धुरी बन चुका है संभल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ पर महामंथन कार्यक्रम में संभल को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने चुनावी राजनीति को और गरमा दिया है। उन्होंने इतिहास और वेद-पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि संभल भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्मस्थल है और यह हमेशा से एक तीर्थस्थल रहा है। साथ ही, उन्होंने 1529 में मीर बाकी द्वारा संभल के हरि मंदिर को गिराए जाने की ऐतिहासिक घटना का भी जिक्र किया।
संभल में हिंदुत्व बनाम PDA की सियासी लड़ाई ?
संभल का मंदिर-मस्जिद विवाद अब हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला बनता दिख रहा है। नवंबर 2023 में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़के दंगे भले ही शांत हो गए हों, लेकिन राजनीति अब तक सुलग रही है। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में 68 तीर्थस्थलों का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक सिर्फ 18 ही खोजे जा सके हैं और 19 कूपों की खुदाई पूरी हो चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 56 सालों तक यहां शिव मंदिर में जलाभिषेक क्यों नहीं हुआ? इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी पर पलटवार किया है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि संभल पर कोई कब्जा नहीं हुआ और यहां 30 सालों से कोई दंगा-फसाद नहीं हुआ है।
क्या हिंदुत्व कार्ड से योगी देंगे PDA को जवाब ?
अखिलेश यादव ने 2027 के चुनाव के लिए पिछड़ा, दलित, मुस्लिम (PDA) फॉर्मूला तैयार किया है, जिसका असर लोकसभा चुनाव में दिखा। यूपी में ओबीसी 40%, दलित 21% और मुस्लिम 19% आबादी है। ऐसे में बीजेपी की हिंदुत्व पिच पर समाजवादी पार्टी का PDA समीकरण बड़ी चुनौती बन सकता है। यही वजह है कि सीएम योगी हिंदुत्व को चुनावी केंद्र बनाकर जातिगत राजनीति को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि भगवा मेरी पहचान है, सनातन धर्म की पहचान है और एक दिन पूरी दुनिया इसे अपनाएगी।
क्या संभल बनेगा 2027 की सियासी लड़ाई का केंद्र ?
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद बीजेपी को नया हिंदुत्व मुद्दा चाहिए, और संभल का मंदिर विवाद इस राजनीति के केंद्र में आता दिख रहा है। अब सवाल ये है कि क्या योगी आदित्यनाथ का हिंदुत्व कार्ड अखिलेश के PDA फॉर्मूले पर भारी पड़ेगा? या फिर यूपी की सत्ता में कोई नया समीकरण देखने को मिलेगा? 2027 के चुनाव तक यह सियासी लड़ाई और तेज होने वाली है!