Saturday, 15 March, 2025

धर्म का महत्व समझने से दूर होंगे जीवन के भ्रम

Pratahkal    12-Mar-2025
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mumbai
मुम्बई। सोमवार को मिरा रोड़ स्थित साधना सदन में श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषि महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रम ही कर्मों की वृद्धि का कारण बनता है। जब मनुष्य भ्रमित होता है, तो वह सही और गलत का विवेक नहीं कर पाता, जिससे उसके निर्णय और कर्मों में दोष उत्पन्न होता है। यह दोष जीवन में न केवल तनाव बढ़ाता है, बल्कि व्यक्ति को सांसारिक जाल में भी उलझा देता है। उन्होंने कहा कि धर्म का अनुसरण ही व्यक्ति को भ्रम से मुक्त कर सकता है। धर्म का मार्ग सत्य, अहिंसा और विवेक पर आधारित होता है, जो मनुष्य को सही दिशा में कर्म करने की प्रेरणा देता है।
 
प्रवर्तक प्रकाश मुनि ने कहा कि जीवन में सच्चा सुख प्राप्त करना चाहते हो, तो न मैं किसी का हूं और न कोई मेरा है, इस भ्रम में कभी मत जीओ। जब मनुष्य यह मान लेता है कि सब कुछ उसका है या वह किसी का मालिक है, तब वह अपने कर्तव्यों से भटक जाता है। यह स्थिति अशांति, तनाव और दुख को जन्म देती है और वह धर्म से भटकर संसार में अटक जाता है और दुःख भोगता है।
 
सभा के प्रारंभ में हितेंद्र ऋषि ने कहा कि श्रद्धा धर्म का आधार है। श्रद्धा वह शक्ति है जो मनुष्य को सच्चाई और आत्म कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। यदि श्रद्धा डावांडोल होती है, तो व्यक्ति का मन भी अस्थिर हो जाता है, और वह धर्म के मूल उद्देश्य से भटक सकता है। धर्मसभा में मेवाड़ संघ के पूर्व अध्यक्ष नेमीचंद धाकड़, मेवाड़ संघ कोषाध्यक्ष फूलचंद नाहर, लक्ष्मीलाल वडामिया, प्रकाश मादरेचा, चन्द्रप्रकाश कोठारी, मिरा रोड़ साधना सदन अध्यक्ष तेजपाल मादरेचा, भरत मादरेचा, चंचल नाहर, शांतिलाल सांखला, दौलत चौधरी, नवयुवक मंडल के महावीर मादरेचा, राकेश लोढ़ा, कपिल मादरेचा, कवि झोटा, श्याम काकरेचा तथा महिला मंडल की तारा पोखरना, रिंकू मादरेचा, हेमा इटोदिया आदि पदाधिकारियों के साथ श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। यह जानकारी प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने दी।