अब हादसों से प्रभावित परिवारों के बच्चों की नहीं छुटेगी पढ़ाई - शिक्षा मंत्री

27 Feb 2025 11:40:35
Udaipur
उदयपुर (कास)। व्यक्तिगत संकट के चलते पढ़ाई से बंचित होने वाले बच्चों की पीड़ा को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार ने अभिनव पहल की। सीएसआर के माध्यम से कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से जोड़ने की यह अप्रत्याशित पहल मेवाड़ की धरा उदयपुर से हुई। बण्डर सीमेंट, ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस, एसबीआई तथा एसएमई इंश्योरेंस प्रमोशन कौंसिल के साझे में प्रारंभ की गई इस योजना का शुभारंभ बुधवार को प्रदेश के शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने रेजीडेंसी विद्यालय सभागार में आयोजित समारोह में किया। इस दौरान उन्होंने 21 बच्चों को सांकेतिक रूप से बैंक डायरी व किट वितरित्त किए। समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रत्येक वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए कार्य कर रही है।
 
सरकार शिक्षा के प्रति पूर्णरूप से संवेदनशील है। कई बार परिवार में हादसों के चलते माता-पिता की मृत्यु हो जाने अथवा दिव्यांग हो जाने से पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते चच्चों को बीच में पढ़ाई छोड़ देनी पड़ती है। दिलावर ने कहा कि ऐसी कई संस्थाएं भी सक्रिय हैं तो ऐसे मुसीबत में घिरे परिवारों को लालच देकर बच्चों को जोड़ लेती हैं। कई बार उनसे भिक्षावृत्ति भी कराई जाती है तो कई बार धमांतरण जैसे कृत्य भी होते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आमजन की परेशानी को महसूस करते हुए राज्य सरकार ने सीएसआर के माध्यम से व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना की पहल की। इसमें वण्डर सीमेंट, ज्यूरिख कोटक व एसबीआई का साथ मिला और आज पूरे भारत में पहली बार एक साथ तीन कंपनियों के सहयोग से अभूतपूर्व योजना का शुभारंभ महाराणा प्रताप की धरती उदयपुर से ही रहा है।
 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है। स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें, युनिफार्म आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मिड डे मील और दुग्ध योजना से उनके पोषण का भी ध्यान रखा जा रहा है। साइकिल व स्कूटी वितरण और लेपटॉप वितरण के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। उन्होंने निराश्रित बच्चों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से चलाई जा रही पालनहार योजना सहित हाल ही प्रारंभ की गई लाडो प्रोत्साहन योजना की भी जानकारी देते हुए जागरूक रहकर योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया।
समारोह को संबोधित करते हुए बण्डर सीमेंट के हॉल टाइम डायरेक्टर परमानंद पाटीदार ने इन पुनीत कार्य का हिस्सा बनाने के लिए राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही बण्डर सीमेंट के सामाजिक सरोकार से जुड़े प्रकल्पों की जानकारी दी।
 
ज्यूरिख कोटक जरनल इंश्योरेंस के चीफ डिस्ट्रिब्यूशन ऑफिसर जगजीतसिंह सिद्ध तथा एसएमई एण्ड गवमेंट विजनेस हैड शिलादित्य चौधरी ने शिक्षा संजीवनी के माध्यम से प्रारंभ की गई योजना की जानकारी देते हुए बताया कि उदयपुर जिले के कक्षा 1 से 5 तक के 1.35 लाख विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों का 1 लाख रूपए का बीमा किया गया है। एसबीआई के फाइनेंशियल इंक्लूजन ग्रुप जनरल मैनेजर दीपक लिंगवाल ने बताया कि योजना के तहत एसबीआई की ओर से सभी बच्चों को शून्य जमा पर बैंक खाता खोला गया है। इसमें प्रत्ति माह बच्चों को 500 रूपए इंसेटिव दिया जाएगा, जिसका उपयोग वे अपनी सामान्य जरूरतों की पूर्ति के लिए कर सकेंगे। प्रारंभ में मुख्य जिला शिक्षाधिकारी डॉ महेंद्र जैन, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक लोकेश भारती, जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक नौनिहालसिंह, एडीपीसी बीरेंद्र यादव, सहायक निदेशक जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक डॉ दिनेश वर्सल, रेजीडेंसी विद्यालय की संस्थाप्रथान श्रीमती रंजना मिश्रा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। शिक्षामंत्री दिलावर ने विद्यालय परिसर में आईआईएफएल द्वारा स्थापित कम्प्यूटर लैब का भी शुभारंभकिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ देवीलाल गर्म तथा रोजी बग्गा ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग के अधिकारी, एसबीआई, बण्डर सीमेंट व ज्यूरिख कोटक के अधिकारी, विद्यार्थी एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे।
 
घुमन्तू परिवारों के लिए जल्द शुरू होंगे चल विद्यालय समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि राजस्थान सरकार हर वर्ग के हितों का ध्यान रख रही है। प्रदेश में निवासरत घुमन्तु परिवारों को निःशुल्क भूखण्ड उपलब्ध कराने की पहल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की है।
 
इसके तहत अब तक 21 हजार परिवारों को भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार घुमन्तू परिवारों के बच्चों की शिक्षा को लेकर भी सजग है। इसके लिए राजस्थान में जल्द ही चल विद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। इन विद्यालयों के माध्यम से घुमन्तू परिवारों के डेरों में पहुंच कर बच्चों को पढ़ाया जाएगा, ताकि राजस्थान में किसी भी बच्चे के शिक्षा से वंचित नहीं रहने के सपने को साकार किया जा सके।
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