मुंबई। साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा के मुंबई प्रवास की परिसम्पन्नता पर मंगल भावना समारोह का आयोजन तेरापंथ भवन ठाणे में किया गया। समारोह संबोधित करते हुए साध्वी डॉ मंगल प्रज्ञा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संत परंपरा का सम्मानजनक स्थान रहा है। गंगा पाप का, चांद ताप का हरण करते हैं। लेकिन संत पाप-ताप और संताप का हरण करते हैं। जहां आचार्य महाश्रमण जैसा महासंत वहां घर-घर में महाकुंभ है। जो काम व्यक्ति नहीं कर सकता वह संत प्रेरणा प्रभाव और सानिध्य से संपन्न हो जाता है।साध्वी वृंद के पुलिस चेकपोस्ट की प्रस्तुति पर परिषद भाव विभोर हो गई। तेरापंथी सभा मुंबई के अध्यक्ष माणक धींग ने कृतज्ञता ज्ञापित की। संचालन मंत्री दिनेश सुतरिया ने किया। तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के मंत्री प्यारचंद मेहता ने विचार रखे। विनोद कच्छारा, मदनलाल तातेड, सूरजमल दुग्गड, महेंद्र वागरेचा, नरेश बाफना, रतनलाल सिंघवी, कुसुम कोठारी, जयंतीलाल मादरेचा, राकेश सिंघवी, गणेशलाल कोठारी, पवन ओस्तवाल, विभा श्रीश्रीमाल, भारती ओस्तवाल, अविनाश गोगड, राजश्री कच्छारा, चांदरत्न दुग्गड, निखिल धाकड़ एवं महिला मंडल ने अपनी अभिव्यक्ति दी।