मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मंगलवार को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एकनाथ शिंदे को ये गौरव एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने प्रदान किया। महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर शिवसेना यूबीटी ने विरोध किया। एकनाथ शिंदे को पुरस्कार शरद पवार द्वारा दिए जाने पर शिवसेना यूबीटी भड़क गई है और इस फैसले को निंदनीय बता रही है। इस यूबीटी ने अरविंद सावंत ने एकनाथ शिंदे को भगोड़ा बताते हुए इसके पीछे का कारण पूछा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार से पुरस्कार मिलने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, महादजी शिंदे ने देश की आजादी और स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़ी।" एकनाथ शिंदे को भगोड़ा बताते हुए अरविंद सावंत ने कहा,"अपनी पार्टी की पीठ में छुरा घोंपकर दुश्मनों के पास भागने वाले इन भगोड़ों को महादजी शिंदे के नाम से सम्मानित करना गलत है। शरद पवार उन लोगों को सम्मानित करने गए जिन्होंने सरकार गिराई और विश्वासघात किया ?"
शरद पवार के सम्मानित करने पर अरविंद सावंत ने कहा, "ये महाराष्ट्र के गौरव के लिए अच्छा नहीं है। ये हमारे समझ के बाहर की बात है।" इस बीच शिवसेना यूबीटी संजय राउत ने भी शरद पवार को खूब सुनाया है।
शरद पवार पर भड़के राउत
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रवक्ता संजय राउत ने पवार के इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य बहुत अजीब दिशा में जा रहा है। कौन किसको धोखा देता है, कौन किसका समर्थन करता है, यह सब देखने वाली बात है। एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र सरकार गिराई, विश्वासघात किया। ऐसे व्यक्ति को शरद पवार पुरस्कार दे रहे हैं, यह महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाने वाला है। महाराष्ट्र की जनता के सामने हम अब किस मुंह से जाएंगे? राजनीति में दोस्त और दुश्मन नहीं होते, यह मान्यता सही हो सकती है लेकिन महाराष्ट्र के खिलाफ काम करने वाले लोगों को इस तरह से सम्मान देना, यह राज्य की पहचान के लिए हानिकारक है। यह हमारी भावना है, शायद शरद पवार की भावना अलग हो सकती है लेकिन यह महाराष्ट्र के लोगों को स्वीकार्य नहीं है। राउत ने पवार के राजनीतिक फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन्होंने शिवसेना को तोड़ा, उन्हें सम्मान देना यह हमारे लिए दुखद है। दिल्ली का राजनीतिक माहौल कुछ और हो सकता है, लेकिन इस तरह की बात हम सहन नहीं कर सकते। कुछ चीजें राजनीति में अनावश्यक होती हैं। अंत में राउत ने शरद पवार की साहित्य सम्मेलन में भूमिका पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, दिल्ली में हो रहा साहित्य सम्मेलन राजनीति से प्रेरित है, साहित्य से उसका कोई संबंध नहीं है।