शहडोल(विनोद खुजनेरी)। शहडोल (Shahdol)में आयोजित प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयों के स्थापित होने से 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। यह प्रस्ताव खनिज, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, स्टील प्लांट, कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्रों से संबंधित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है और यहां स्थित सोहागपुर कोलफील्ड और ऊर्जा हब सिंगरौली क्षेत्र को ऊर्जा आधारित उद्योगों के लिए आदर्श बना रहे हैं। अमलाई औद्योगिक क्षेत्र कागज उद्योग और खनिज प्रसंस्करण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, गैस आधारित उद्योगों और हरित ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के अवसर हैं।
शहडोल का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी महत्वपूर्ण है। अमरकंटक, नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल होने के कारण यहां का आध्यात्मिक वातावरण धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और अन्य पर्यावरणीय स्थल इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल का हर क्षेत्र, चाहे वह खनिज हो, ऊर्जा हो या सांस्कृतिक धरोहर, अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। आरआईसी के माध्यम से इन संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर शहडोल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश का केंद्र बनाया जाएगा।
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शहडोल क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना की अपार संभावनाएं हैं। यह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से समीप है। शहडोल, खनिज संसाधनों से समृद्ध है। इसमें कोयला, बॉक्साइट, फायर क्ले और ग्रेनाइट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां की वन संपदा और जैव विविधता इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनाती है। पर्यटन की दृष्टि से अमरकंटक नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल है। धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र है। उमरिया जिले में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, सरसी आइलैंड पर्यटकों को आकर्षित करता है, आज आयोजित इस कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ किए गए संवाद से यह स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।
पांच हजार से ज्यादा उद्यमी हुए शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्थानीय एमएसएमई को बड़े उद्योगों के साथ साझेदारी करने के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उनकी वृद्धि को बल मिलेगा एवं कुटीर ग्रामोद्योग को भी इकोसिस्टम में जुड़ने का अवसर मिलेगा। कॉन्क्लेव में 5 हजार से अधिक लोगों ने सहभागिता की। 50 से अधिक विशिष्ठ अतिथि तथा 3 हजार से अधिक एमएसएमई प्रतिभागियों ने
15 उद्योगपतियों से सीएम ने किया वन टू वन
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों ने अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 15 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक की गई। जिसमे टोरेंट पावर रिलायंस शारदा एनपीजेएमएस माइनिंग बजरंग पावर एक इस्पात आदि प्रमुख उद्योगपति शामिल रहे।
431 एकड़ भूमि का किया आवंटन
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शहडोल में 102 इकाइयों को 431 एकड़ भूमि आवंटित की गई, जिसमें 3561 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश एवं सैकड़ों व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 30 इकाइयों के भूमिपूजन-लोकार्पण किए गए। इसमें लगभग 572 करोड़ के प्रस्तावित निवेश और लगभग 2 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार सृजित होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उप तहसील (टप्पा) कार्यालय भवन चन्नौडी का लोकार्पण राशि 93.40 लाख, औद्योगिक पार्क गोहपारू (दियापीपर) शहडोल का भूमिपूजन किया। यह 16.13 करोड़ रुपये की लागत से 51 हेक्टेयर भूमि में विकसित किया जाएगा।
तीन नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएंगे
सीएम ने शहडोल में 3 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाने की घोषणा की है। इसमें जिला शहडोल के ब्यौहारी तहसील, मऊ ग्राम में 37 एकड़ क्षेत्रफल, जिला उमरिया के चंदिया तहसील, लोढ़ा में 12 एकड़ क्षेत्रफल, जिला अनूपपुर के बड़गांव ग्राम में 11 एकड़ क्षेत्रफल में नवीन औद्योगिक क्षेत्र शामिल है।
कितने आए निवेश.
नर्मदापुरम में 40 हजार करोड़ का निवेश
नर्मदापुरम में दिसंबर 2024 में कुल 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें से 31 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव थे, जिनसे 40 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र सौंपे। मोहासा क्षेत्र में 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 24 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
ग्वालियर में 8 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव
ग्वालियर में अगस्त 2024 में 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिससे 35 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इनमें से अडाणी ग्रुप ने साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया था। इस निवेश के तहत बदरवास में जैकेट फैक्ट्री, गुना में 2 मिलियन टन सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट और शिवपुरी में डिफेंस सेक्टर में निवेश किया जाएगा।
जबलपुर में 17 हजार करोड़ का निवेश
जबलपुर में जुलाई 2024 में 17 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, जिनमें प्रमुख कंपनियों ने निवेश की बात कही। एसआरएफ फिल्म्स ने 2500 करोड़ और हीडलवर्ग सीमेंट ने 1500 करोड़ के निवेश का ऐलान किया। इसके अलावा, अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच 600 करोड़ के निवेश का करार हुआ। सिंगापुर स्थित कंपनी होशो डिजिटल ने इंदौर और जबलपुर में निवेश की योजना बनाई है। यह निवेश जबलपुर के औद्योगिक विकास में अहम योगदान देगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगा।
रीवा में 31 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव
रीवा में 23 अक्टूबर 2024 को कुल 31 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए थे। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने रीवा और विंध्य क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा की। इसके साथ ही, केजीएस सीमेंट, सिद्धार्थ इंफ्राटेक, अल्ट्राटेक सीमेंट और अडानी ग्रुप ने भी निवेश की बात कही थी। इससे करीब 28 हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। यह निवेश रीवा और आसपास के इलाकों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।