मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के सुर अब बदलते दिख रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनावों को अकेले लड़ने और कांग्रेस पर हमला बोलने वाले राउत के तेवर नरम हो गया है।
राउत ने कहा कि उनकी पार्टी अपना आधार मजबूत करने के लिए स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले उतरना चाहती है और उन्होंने कभी भी विपक्षी इंडी गठबंधन और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को भंग करने का आह्वान नहीं किया है।
राउत की बयान पर आई सफाई
राउत की यह टिप्पणी उनके एक दिन पहले के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई नगरपालिका चुनाव अकेले लड़ेगी। राउत के बयान के बाद विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया था, जिसके बाद उनकी अब सफाई आई है।
क्या बोले थे राउत?
पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा था कि एमवीए का गठन विधानसभा चुनावों के लिए और इंडी गठबंधन का गठन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था। स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए हैं।
गठबंधन के अस्तित्व पर उठाए थे सवाल
राज्यसभा सांसद ने ये भी कहा था कि कांग्रेस के कारण इंडी गठबंधन में दरार आई है। लोकसभा चुनाव के बाद से सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने एक भी बैठक नहीं ली और न ही कोई रणनीति बनाई गई। यहां तक कि राउत ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता कहते हैं कि गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं है। अगर लोगों के मन में ऐसी भावना आ गई तो इसके लिए गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस जिम्मेदार होगी।