मुंबई। परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने गुरुवार को घोषणा की कि महाराष्ट्र में सभी कार और बाइक खरीददारों के लिए ‘अनिवार्य प्रमाणित पार्किंग क्षेत्र’ का नियम लागू करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके तहत, यदि वाहन मालिक के पास पार्किंग की सुविधा नहीं होगी, तो नए वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
भीमनवार ने कहा, “हम पुलिस और सरकारी अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों से चर्चा कर रहे हैं। जनता की राय लेने के बाद एक व्यापक नीति प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। यदि महाराष्ट्र में वाहनों की वृद्धि पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो 2030 तक यहां 6.8 करोड़ वाहन सड़कों पर होंगे, जो वर्तमान 3.8 करोड़ की संख्या से लगभग दोगुना है।” उन्होंने बताया कि राज्य
में 2024 में 29 लाख नए वाहनों का पंजीकरण हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि फ्लाईओवर्स या कोस्टल रोड्स जैसी सुविधाओं के बावजूद, वाहन जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए एक ठोस नीति की आवश्यकता है।
भीड़भाड़ शुल्क पर विचार
दीर्घकालिक योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के व्यस्त केंद्रों में वाहनों के प्रवेश के लिए भीड़भाड़ शुल्क लगाने की योजना बनाई जा रही है। ऐसा शुल्क लंदन और न्यूयॉर्क में भी लगाया जाता है।
100 दिन की योजना
परिवहन विभाग की 100 दिन की योजना में कई बड़े सुधार शामिल हैं। इसमें एग्रीगेटर कैब नीति लागू करना, इलेक्ट्रिक वाहन नीति की समीक्षा करना, और सीमा जांच चौकियों को समाप्त करना शामिल है।
आरटीओ सेवाओं को अधिक फेसलेस बनाया जाएगा। वर्तमान में 42 फेसलेस सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे 2024 में 38 लाख लोगों को आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ी। 100 दिन में इसे बढ़ाकर 54 सेवाएं की जाएंगी।
पुराने वाहनों के लिए HSRP और अन्य कदम
पुराने वाहनों के लिए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRP) अनिवार्य की जाएगी। पिछले तीन दिनों में 10,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
मुंबई में एक कमांड और कंट्रोल सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिसमें वाणिज्यिक वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस लगाए जाएंगे ताकि गति और अन्य उल्लंघनों की निगरानी की जा सके। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और पुराने सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग भी योजना का हिस्सा है।
वाहन प्रशिक्षण केंद्र और स्क्रैपिंग नीति
2025 में वाहन मालिकों को प्रोत्साहन देने की योजना है। पूरे राज्य में ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे। हाल के कुर्ला दुर्घटना का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि गियर वाले वाहनों पर प्रशिक्षित बस चालकों को ऑटोमैटिक वाहनों के संचालन का पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य न केवल यातायात प्रबंधन को सुधारना है बल्कि सड़क सुरक्षा और पर्यावरण को भी बेहतर बनाना है।