विश्व शांति को लेकर आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय में हुई बैठक

16 Sep 2024 12:27:04
vishvshanti 
 
उदयपुरवाटी/सूरजगढ़ (प्रा.सं.)। राष्ट्रीय साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया (Adarsh ​​Samaj Samiti India) के कार्यालय सूरजगढ़ (Surajgarh) में धर्मपाल गाँधी (Dharampal Gandhi) की अध्यक्षता में विश्व शांति को लेकर बैठक हुई। बैठक में संगठन की महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेनू मिश्रा दीपशिखा की अनुशंसा पर 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (international peace day) पर एक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय म लिया गया और कई देशों में हो रहे युद्ध और कई देशों में हो रही हिंसा पर चर्चा की गई। बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। बांग्लादेश न हिंदुस्तान की धरती पर आबाद है और वे भारत की बदौलत बांग्लादेश को आजाद वे मुल्क होने का गौरव हासिल हुआ है। 9 आज वहां के लोग जो बकवास कर रहे र न माहौल है। हमारे देश में भी पूर्णतया शांति कायम है, ऐसा नहीं कहा जा सकता है।
 
उसे सुनकर यकीन हो जाता है कि यह लोग किसी के भी नहीं हो सकते हैं। जो लोग राष्ट्र से ज्यादा धर्म को महत्व देते हैं, ऐसे लोगों से वफा और शांति की उम्मीद नहीं की जा सकती है। दुनिया में वर्ग समुदाय को लेकर संघर्ष बढ़ रहा है, जिसकी वजह से कई देशों में अस्थिरता और अशांति का माहौल बना हुआ है। हमारे देश में भी कई राज्यों में गरीब, कमजोर और दलित समाज पर अत्याचार की बहुत सी घटनाएं घटित हो रही हैं, जो निरंकुश शासन की कमजोरियों को उजागर करती हैं। नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। अपराधी बेखौफ होकर बड़े से बड़ा अपराध कर रहे हैं, उन्हें कानून का कोई डर नहीं है, सरकार को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने कहा- वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विश्व के अधिकतर देशों में अशांति का मणिपुर राज्य में कई महीनों से अशांति का माहौल है, बार-बार हो रही जातीय हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अभी तक शांति कायम करने में असफल रही हैं।
 
जम्मू कश्मीर में भी आतंकी हमले होते रहते हैं, हर रोज सैनिक शहीद हो रहे हैं। कहीं पर जातीय हिंसा तो कहीं पर सांप्रदायिक हिंसा होना आम बात हो गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध लगभग दो वर्ष से चल रहा है, युद्ध में लाखों निर्दोष लोग मारे गये लेकिन विश्व के किसी भी विकसित देश ने अभी तक युद्ध रोकने की अपील नहीं की है, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ भी युद्ध रोकने में नाकाम रहा है। जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना विश्व शांति के लिए की गई थी। इजराइल फिलिस्तीन में भी संघर्ष जारी है। कई देशों में आतंकी संगठन सरकार चला रहे हैं। दुनिया के कई देशों में आम लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। धार्मिक उन्माद, अंधविश्वास, पाखंडवाद, धार्मिक कट्टरता, अहंकार, जातिवाद, छुआछूत, भेदभाव, नस्लवाद, रंगभेद, असमानता, गैर बराबरी, घृणा और नफरत फैलाकर हम लोग अशांति का माहौल पैदा कर रहे हैं। विश्व में तभी शांति संभव है, जब हम सभी लोग अच्छे मानव होने का संकल्प लेकर आगे बढ़ें और इंसानियत को ही सबसे बड़ा धर्म समझें। हम सभी को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचारों को ग्रहण कर नफरत के मार्ग को छोड़कर प्रेम के मार्ग पर चलना होगा। परमाणु युग के समय में हमें आवश्यक है कि लोगों से शांति की अपील की जाये।
Powered By Sangraha 9.0