रेल कोच फैक्ट्री नवीनतम नवाचारों के साथ नए मानक स्थापित कर रही: रवनीत सिंह

13 Sep 2024 10:04:08
Rail Coach Factory
 
कपूरथला/जालंधर। रेल कोच फैक्ट्री (Rail Coach Factory) (आरसीएफ) विश्व स्तरीय यात्री डिब्बों के उत्पादन में नए मानक स्थापित करने की अपनी यात्रा जारी रखते हुए, देश के रेलवे के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। नवीनतम नवाचारों में "अमृत भारत" कोच शामिल हैं, जो किफायती लागत पर आराम, सुरक्षा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके आम आदमी की आकांक्षाओं को साकार करते हैं।
 
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के अपने पहले दौरे पर मीडिया को संबोधित करते हुए, रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने कहा कि अमृत भारत ट्रेन आम आदमी की यात्रा के लिए शुरू की गई है, और बताया कि इस वर्ष 50 से अधिक अमृत भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनमें नॉन एसी स्लीपर होंगे। आरसीएफ द्वारा इस वर्ष 22 कोचों के साथ 05 अमृत भारत रेक बनाये जायेंगे। अमृत भारत कोच में 8 स्लीपर, 11 जनरल, 1 पेंट्री, 2 एसएलआरडी और एक लोको होगा, जिसमें बर्थ की बेहतर सौंदर्यता के साथ उन्नत दिख, सीसीटीवी, बेहतर एलईडी लाइटिंग, अग्नि शमन प्रणाली, फोल्डेबल स्नैक टेबल और बोतल होल्डर, मोबाइल चार्जर और रात के दौरान किसी भी अप्रिय घटना के मामले में स्वचालित रूप से प्रकाश देने के लिए बाहरी एलईडी लाइटें होंगी।
 
बिट्टू ने आगे कहा कि "वंदे भारत" और "वंदे मेट्रो" ट्रेन सेट, अत्याधुनिक तकनीक, समकालीन डिजाइन और बेहतर प्रदर्शन मानक वाली हाई-स्पीड रेल में भारत के प्रवेश को प्रदर्शित करते हैं, जिनका निर्माण आरसीएफ द्वारा किया जा रहा है।
 
कम दूरी की इंटरसिटी यात्रा के लिए 130 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाले 16 कोचों वाली पहली वंदे मेट्रो रेक को जल्द ही हरी झंडी दिखाई जाएगी, जो कम दूरी के रेल यात्रियों को एक नए तरह की रेल यात्रा का अनुभव देगी। 4364 की वहन क्षमता वाली वंदे मेट्रो में रूट मैप इंडिकेटर, सीसीटीवी, दिव्यांगजन यात्री शौचालय, बैठने की जगह के अंदर और बाहर इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट, ट्रेन टक्कर से बचाव प्रणाली और यात्री सूचना प्रणाली भी होगी। इस वर्ष 160 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाले "वंदे भारत" ट्रेन सेट के 2 रेक भी निर्मित किए जाएंगे।
 
मंत्री ने आगे कहा कि 338 किलोमीटर लंबी जम्मू-बारामूला रेलवे लाइन, उदहमपुर - श्रीनगर - बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) भारतीय रेलवे की एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को जम्मू रेलवे स्टेशन और फिर देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है। आरसीएफ को कश्मीर घाटी के ठंडे मौसम (शून्य से नीचे के तापमान वाले क्षेत्र) के लिए कोचों को उपयुक्त बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई थी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अत्यधिक ठंड के मौसम में पानी को जमने से रोकने के लिए, इन कोचों में पानी की पाइपलाइनों में सेल्फ रेगुलेटिंग हीटिंग केबल और इन्सुलेशन प्रणाली स्थापित की गई है तथा इंसुलेटिंग मैटेरियल से ढकी हुई 2 लेयर वाली नॉन मैटेलिक पानी की टंकियां दी गई हैं।
 
बिट्टू ने आगे कहा कि रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ को कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं सौंपी हैं, जिनमें कालका-शिमला टॉय ट्रेन में यात्रा के दौरान हिमाचल के सुंदर परिदृश्य का आनंद लेने के लिए 80% बैठने की जगह वाले क्षेत्र में ग्लास और पॉली कार्बोनेट शीट के साथ पैनोरमिक विस्टाडोम सुविधा वाले नैरो गेज कोच का निर्माण शामिल है। इन ट्रेनों का ऑसिलेशन और आपातकालीन ब्रेक डिस्टेंस ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और बहुत जल्द ही 7 कोच वाली यह ट्रेन कालका और शिमला के बीच चलने लगेगी। कुल 30 कोचों का निर्माण स्टेनलेस स्टील कारबॉडी शेल, एयर ब्रेक सिस्टम, नॉन एसी के लिए लीनियर पंखे, 3.5टी हीटिंग और कूलिंग एसी यूनिट, पूरी तरह से वेस्टिब्यूल ट्रेन, निरंतर लीनियर लाइटिंग व्यवस्था और सौंदर्यपूर्ण आंतरिक सज्जा के साथ किया जा रहा है। रवनीत ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने 2024-25 में आरसीएफ के लिए कोच उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर 2401 कर दिया है और सभी आरसीएफ कर्मचारी इसे हासिल करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। पिछले सप्ताह ही आरसीएफ ने अपना 45,000वां कोच बनाकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। जल्द ही हम 50,000वें रेलवे कोच का निर्माण पूरा होते हुए देखेंगे।
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