मुंबई। रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल (HDIL) के प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा नियुक्त एक समाधान पेशेवर (solution professional) पर कंपनी के परिसर में संग्रहीत लगभग 36 करोड़ रुपये की सामग्री को मात्र 18 लाख रुपये में बेचने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश वधावन ने इस मामले में वीबी नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
पुलिस को दिए गए अपने बयान में, वधावन ने दावा किया कि एचडीआईएल ने कुर्ला में प्रीमियर रेजिडेंसी नामक एक विशाल झोपड़पट्टी पुनर्वास परियोजना शुरू की थी, जिसमें 30 इमारतें और 18,645 मकान शामिल हैं। परियोजना पर काम 2007 में शुरू हुआ और 2011 तक, यह काम लगभग 70% पूरा हो गया था, लेकिन कुछ मंजूरियां नहीं मिलने के कारण आगे काम रूक गया था। आखिरकार, जब कंपनी परियोजना के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया कर्ज चुकाने में विफल रही, तो मामला नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास गया, जिसने इस मामले में समाधान के लिए एक समाधान पेशेवर नियुक्त की थी।
शिकायतकर्ता वधावन के मुताबिक, अप्रैल 2024 में जमानत पर रिहा होने के बाद, उन्होंने कुर्ला पश्चिम में कंपनी के परिसर का दौरा किया और पाया कि तीन इमारतों के भूतल पर संग्रहीत सभी सामग्री स्टॉक और फिटिंग गायब थीं। जब उन्होंने गायब वस्तुओं के बारे में समाधान पेशेवर से पूछताछ की, तो उन्होंने 8 अगस्त को एक ईमेल भेजा, जिसमें सभी वस्तुओं को सूचीबद्ध किया गया और कहा गया कि उन्हें इसे बेचकर 18,02,130 मिले हैं। वधावन ने अपनी शिकायत में कहा कि जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने 6 करोड़ की सारी सामग्री सिर्फ 18 लाख में कैसे और क्यों बेच दी, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।