प्रातःकाल संवाददाता राजसमंद। जिले में खमनोर थाना क्षेत्र (Khamnor police station area) के सांयों का खेड़ा पंचायत (Kheda Panchayat) के चिकलवास के बलाई बस्ती में निर्माणाधीन धर्मशाला (Dharamshala) की छत ढहने से उसके नीचे एक ही वस्ती के 13 लोग दब गए। हादसे के बाद जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व एसपी मनीष त्रिपाठी मौके पर पहुंच गए और पांच घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर 9 घायल व 4 के शव बाहर निकाले गए। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया और पूरा गांव रातभर जागता रहा।
राजसमंद जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल ने बताया कि चिकलवास गांव में मेघवाल समाज द्वारा जनसहयोग से धर्मशाला का निर्माण करवाया जा रहा था। सोमवार दिन में छत के नीचे से बांस की बल्लियों को हटाया गया और उसके बाद सोमवार रात गांव के लोग निर्माणाधीन धर्मशाला की साफ सफाई व रंग रोगन के लिए गए, तभी छत भरभराकर नीचे गिर पड़ी। साफ सफाई का कार्य कर रहे 13 लोग उसके नीचे दब गए। आस पास कोई घर भी नहीं था। बाद में छत के नीचे दवे वार्डपंच हीरालाल ने मोबाइल से कॉल कर गांव में हादसे की सूचना दी। बाद में गांव से बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंच गए। बाद में खमनोर थाना प्रभारी भगवानसिंह, नाथद्वारा डीएसपी दिनेश सुखवाल मय जाब्ते के घटना स्थल पर पहुंच गए।
रात साढ़े दस बजे जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व एसपी मनीष त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र कुमार भी आ गए। मलबा हटवाने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा जेसीबी मंगवाई गई और छत को तोड़ने के लिए डीलिंग मशीन मंगवाई। इस तरह रात 11 बजे रेस्क्यू अभियान शुरू किया, हल्की चोटे लगी है, जबकि 4 लोगों की मौत हो गई और 6 घायलों को नाथद्वारा स्थित गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में उपचार चिकलवास, सांयों का खेड़ा, शिशोदा आदि गांवों के लोग मौके पर एकत्रित हो गए। हादसे में छत के नीचे दवे सभी लोग सांयों का खेड़ा पंचायत के चिकलवास के बलाई बस्ती के रहने वाले हैं। हादसे में चिकलवास के हीरालाल पुत्र तुलसीराम सालबी, मांगीलाल पुत्र शंकर सालबी, मिठूलाल पुत्र मोहनलाल सालवी, लक्ष्मण पुत्र मोहनलाल सालवी, लक्ष्मण पुत्र भेरा सालवी, गोपीलाल पुत्र खीमा सालवी घायल हुए। हादसे में भगवतीलाल पुत्र शंकरलाल सालवी, भंवरलाल पुत्र लच्छा सालबी, शांतिलाल पुत्र नारूलाल सालवी व कालूलाल पुत्र वेणा सालवी की मौत हो गई।
चिकलवास में एक ही साथ उठी चार अर्थियां
चिकलवास (Chikalwas) में मंगलवार दोपहर बाद जब चार अर्थियां एक साथ घर व गांव से निकली, चौतरफा परिजनों का करूण क्रंदन, मदद की चीख-पुकार की आवाज थी। चारों अर्थियों को एक साथ शमशान घाट ले जाया गया, जहां अंतेष्टी की गई। चार मुखिया की मौत के बाद इन परिवारों के घर गुजारे को लेकर संकट खड़ा हो गया। नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां पहले से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण व लोग जमा थे। वेपहर बाद में गमगीन माहौल में चारों शव की अंतिम यात्रा एक साथ रवाना हुई, जहां परिजनों की रूलाई रोके नहीं रूक रही थी, तो अंतेष्टी में शामिल हुए लोग भी आहत व बेसहारा हुए परिवारों की मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। ये सभी लोग रामदेवरा जाने वाले जातरुओं के लिए धर्मशाला में रामरसोड़ा शुरू करने की तैयारी कर रहे थे। इस तरह गमगीन माहौल में चारों शव का अंतिम संस्कार किया गया।