पेरिस (एजेंसी)। मनु भाकर (Manu Bhakar) ने रविवार को पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में कांस्य पदक (bronze medal) जीतकर इतिहास रच दिया। हरियाणा की 22 साल को इस निहानेबाज ने पेटरीक्य शूटिंग सेंटर में महिलाओं को 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरा स्थान हासिल करने के बाद इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निमानेबाग चनीं।
टोक्यो में दिल टूटने केके लोन भारत की इस सबसे प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली निशानेबाजों जों में से एक ने अपने सपनों को पूरा किय और देश को गौरान्वित किया। उसने जबरदस्त वापसी की और कांरन पदक अपने नाम किया। महिलाओं को 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की वे खिलाड़ियों ने गीता। ओह ये जिम 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येणों ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया।क्वालिफिकेशन राउंड में में तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके साथ हसे उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और चिजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था। यह शूटिंग में भारत का पांचवां पदक है। मनु से हाले चारों एथलीट्स पुरुय थे। वह राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनय बिंडा, गगन नारंग और विजय कुमार के बल में एडमिल हो गई।
एशियाई खेलों को टीम में नहीं थीं मनु
महग 9 माह पहले तक मनु भाकर 10 मेंटर एयर पिस्टल (air pistol) को भारतीय टोम में भी शामिल नहीं थीं। बीते वर्ष यह संमोक पांशियाई खेलों में खेली, लेकिन इस इवेंट की टीम में नहीं थे। यह वह इवेंट है जो उनके दिल के सबसे करोच है। एशियाड से पहले मनु घकरने पिछले सारे विचारों को भुलाकर कोच जसपाल गण का हाथा मामा तो इसको एक वजह 13 मीटर एयर पिस्टल में वापस प्रमुत्य स्थापित करना था। एशियाड के बाद मनु का समर्पग और जसपाल का साथ काम आप। मनु ने न सिर्फ 10 मीटर एयर पिस्टल को ओलंपिक टोम में जगह बनाई बलिक शनिवार को क्वालिफाइंग दौर में 580 का विश्वस्तरीय स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहते हुए इस इवेंट के फाइनल में वी जगह बनाई।
जाळते हैं मनु के बारे में...
मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। 2023 में मनु में एशियन रेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वाह पेरिस ओलंपिक में 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई एक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट है। हरियाणा के झज्जर में जन्मीं ममु पाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केवालों समेत कई खेलों में हिस्सा लिया। मुक्केबागी खेलते वक्त मनु के आंख पर चोट लग गई थी। इसी के बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया। हालांकि, मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून या, जिसके चलते यह एक बेहतरीन निशानेब्राग बनने मे कामयाथ लीं। अब उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
2018 में मनु ने किया कमाल
कभी मनु की कबड्डी के मैदान में उतरों तो करते में हाथ आजमाच। शूटिंग को प्राथमिक रूप से चुनने से पहले मनु ने स्फेटिर, मार्शल आर्ट्स, कराटे, कबड्डी सब खेल। 16 साल को उम्र में गनु ने 3018 में आईएसएसएफ विश्च ऋप में भारत का प्रतिनिधित्य किय और स्वर्ण पदक जीते। इसी साल मनु ने राष्ट्रमंडल खेलों और जून ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दोनों प्रतियोगिताओं में मनु ने स्वर्ण पदक हासिल किया।