जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। भर्ती परीक्षाओं (recruitment examinations) में धांधली के मामले में आरएएस (RSS) भर्ती 2018 भी शामिल हो गई है। इस भर्ती को लेकर डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Dr Kirori Lal Meena) ने एसओजी में कुछ रोल नंबर दिए हैं। आरोप है कि जब आरएएस परीक्षा की कॉपियां ऑनलाइन जांची, तब वहां लगे सारे सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras) बंद कर दिए गए।
इससे पूरी गोपनीयता भंग रही और कॉपियों में गड़गड़ी की गई। ऐसे में अब एसओजी उन कॉपियों को वापस जांच के लिए जब्त कर सकती है। एसओजी का कहना है कि जांच की जा रही है। आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा 28, 29 जनवरी 2019 को हुई थी। उस समय आरपीएससी चेयरमैन दीपक उत्प्रेती थे। आरोप है कि मुख्य परीक्षा की 70 हजार पुस्तिकाओं को मात्र 18 दिन में जांचा गया, जो धांधली का स्पष्ट संकेत है। चेयरमैन दीपक उत्प्रेती ने उत्तर पुस्तिका जांचने का समन्वयक आरपीएससी सदस्य शिव सिंह राठौड़ को बनाया। विवि की ओर से कॉपियां जांचने का समन्वयक प्रोफेसर शिवदयाल सिंह शेखावत को लगाया। जिसके खुद के चयन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आरोप है कि सदस्य शिवसिंह राठौड़ कांग्रेस (Congress) के बड़े नेताओं से मिलकर भूपेन्द्र यादव को 13, 14, 15, 16 अप्रैल 2021 जबरन अवकाश पर भिजवाया और शिवसिंह राठौड़ साक्षात्कार बोर्डों का अध्यक्ष बना और नंबर की बंदरबांट की गई।
इस तरह से गड़बड़ी हुई भर्ती परीक्षा में
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी को कुछ दस्तावेज दिए हैं। जिसमें बताया है कि 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के लिए एमडीएस विवि अजमेर के वृहस्पति भवन के सभागार और विक्रमादित्य भवन के ऑनलाइन जांचने का काम शुरू किया गया। जहां पर उत्तर पुस्तिका जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे बंद थे। उस समय विवि के वीसी प्रोफेसर आरपी सिंह थे। जिनको भ्रष्टाचार के आरोप लगने के कारण 9 सितम्बर, 2020 को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम आने के एक वर्ष बाद मुख्य परीक्षा की उतर पुस्तिका जांच कर परिणाम जारी किया गया।