हम प्रदेश के उद्योग धंधों को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने के विजन पर कर रहे हैं काम

फ्यूचर रेडी मध्यप्रदेश में सरकार का सहयोग और जनता का साथ औद्योगिक विकास का है आधार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Pratahkal    26-Jul-2024
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कोयम्बटूर तमिलनाडु में मध्यप्रदेश का एक उद्योग कार्यालय खोला जाएगा। यह कार्यालय मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बीच व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कोयम्बटूर में इन्वेस्ट एमपी- इंटरेक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट का एक उद्देश्य यह भी है कि व्यापार और व्यवसाय के आधार पर विभिन्न प्रदेश परस्पर नजदीक आएं और हम मिलकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करें। यहाँ के उद्योगपतियों ने कोयम्बटूर और त्रिपुर को अपने बलबूते पर इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित किया है, अब मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है, हम आपको व्यापार व्यवसाय बढ़ाने के नए अवसर देने और प्रेम बांटते हुए मध्यप्रदेश एवं तमिलनाडु के संबंधों को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से यहां आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र कोयम्बटूर में आयोजित "इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र" का दीप प्रज्ज्वलित कर तथा तुलसी के पौधे में जल अर्पित कर शुभारंभ किया।
 
कोयम्बटूर टैक्सटाइल एवं गारमेंट, इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे औद्योगिक सेक्टर के लिए जाना जाता है। प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में तमिलनाडु के उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से कोयम्बटूर में रोड शो और निवेशकों व उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया गया। सत्र में 1200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की तथा मध्यप्रदेश में निवेश के लिए 3500 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी टैक्सटाइल एवं गारमेंट इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों के लिए मध्यप्रदेश में निवेश कर अपने व्यापार-व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। मध्यप्रदेश में निवेश के हर पहलू का ध्यान रखा गया है। मध्यप्रदेश फ्यूचर रेडी प्रदेश है, यहाँ संभावनाओं के साथ सरकार का सहयोग एवं जनता का साथ है। आजादी के अमृतकाल को मध्यप्रदेश का भाग्योदयकाल बनाने के लिए हम प्रदेश के उद्योग धंधों को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने के विजन पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और विकास के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। इस दिशा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिये प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन की नई पहल शुरू की गई है।मुख्यमंत्री कहा कि भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। मैं आपको प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनने का निमंत्रण देने आया हूँ। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश में उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाते हुए विकसित भारत के साथ ही विकसित मध्यप्रदेश के विजन को साकार करने में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य को खनिज-वन-जल और पर्यटन सम्पदा का भरपूर उपहार मिला है। उद्योगों की स्थापना और निवेश के लिए मध्यप्रदेश पीपुल्स फ्रेंडली, डेवलपमेंट फ्रेंडली और एनवायरनमेंट फ्रेंडली डेस्टीनेशन है। प्रदेश की अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी अच्छी है, प्रदेश के इंडस्ट्रियल कोरिडोर्स से विभिन्न एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं। प्रदेश विद्युत सरप्लस स्टेट है, 'उद्योगों के लिए पर्याप्त लैंड बैंक की भी उपलब्धता है और यहाँ क्लीन व ग्रीन एनर्जी का भंडार है। राज्य में 320 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, 10 फूड पार्क्स 5 आईटी एसईजेड, 2 स्पाइस पार्क्स, 2 मल्टी प्रोडक्ट SEZ , तथा 2 प्लास्टिक पार्क्स हैं। नए औद्योगिक पार्कों एवं एस.ई.जेड. की स्थापना की जा रही है।
 
तीन एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
इंटरेक्टिव सत्र में 25 से अधिक उद्योगपतियों तथा 4 प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन बैठक की गई साथ ही राज्य के "एक जिला-एक उत्पाद" के संबंध में भी जानकारी का प्रसार किया गया। इसके साथ ही इंडियन कॉटन कारपोरेशन के साथ प्रदेश में इएलएस कॉटन के उत्पादन और रकबे को बढ़ावा देने के लिए नॉलेज शेयरिंग और प्रदेश में स्क्लिड मैन पॉवर की उपलब्धता को बढ़ाने तथा टैक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के लिए तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ नॉलेज शेयरिंग संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मध्यप्रदेश में कपास की खेती को बढ़ावा देने और रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट शेयरिंग के लिए साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के साथ भी एमओयू हुआ।