मुंबई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने बजट में गोल्ड इम्पोर्ट ड्यूटी (gold import duty) पर कटौती का ऐलान किया है। बजट में वित्त मंत्री ने गोल्ड इम्पोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी है।
इस ऐलान के बाद गोल्ड कीमतों में प्रति 10 ग्राम 5,900 रुपये की गिरावट हुई है और इसी तरह चांदी में प्रति किलो 7600 रुपये की कटौती हुई है।
गोल्ड इम्पोर्ट ड्यूटी में इस कटौती से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। आगामी त्यौहारी मौसम के चलते गोल्ड खरीदारी में संभावित पारंपरिक उछाल के लिहाज से यह एक अहम कदम है। भारत में स्वर्णाभूषण तैयार करने के लिये आवश्यक लगभग सारा गोल्ड आयात के जरिये हासिल किया जाता है। गोल्ड की ऊंची कीमतों के चलते जून तिमाही में गोल्ड की मांग में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इम्पोर्ट ड्यूटी के ऐलान के पहले की मौजूदा कीमतों की बात करें तो मंगलवार को गोल्ड और सिल्वर की कीमतें क्रमश: प्रति 10 ग्राम रुपये 72,609 और प्रति किलोग्राम रुपये 87,576 थी।
गोल्ड इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती के इस तरह के कदम का लंबे अरसे से इंतजार किया जा रहा था। अब उम्मीद है कि इस ऐलान के बाद घरेलू मोर्चे पर गोल्ड की डिमांड बढ़ेगी और नतीजनत इस क्षेत्र में कार्यरत कारीगरों के लिये भी रोजगार संभावनायें बढ़ेंगी।
मलबार गोल्ड एंड डायमंड्स के चेयरमैन एमपी अहमद के मुताबिक, इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती से गोल्ड स्मगलिंग में बड़े पैमाने पर गिरावट तय है। इससे अवैध गोल्ड कारोबार पर लगाम लगेगी और टैक्स की कमाई में इजाफा होगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, भारत सालाना करीब 400 से 450 टन गोल्ड और 4000 से 4500 टन सिल्वर इम्पोर्ट करता है। चांदी की कम कीमतें सौर ऊर्जा क्षेत्र समेत तमाम अन्य उद्योग क्षेत्रों के लिये मददगार साबित होती हैं क्योंकि इनमें चांदी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण एक उभरता हुआ क्षेत्र है। इस उद्योग क्षेत्र में भी चांदी का काफी इस्तेमाल होता है। इसी तरह प्लैटिनम आज की पीढ़ी में तेजी से लोकप्रिय हो रही एक धातु है। बजट में प्लैटिनम के इम्पोर्ट पर ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया गया है।
ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश रोकडे के मुताबिक, इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती ग्राहकों के लिये अच्छे दिनों का संकेत है। इससे निवेशक एक बार फिर गोल्ड में निवेश के लिये प्रोत्साहित होंगे। जूलरी क्षेत्र में छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को भी इससे तेजी मिलेगी।