भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विभिन्न प्रमुख तकनीकी संस्थानों के संकाय सदस्यों के लिए 82 परियोजनाओं को मंजूरी

Pratahkal    25-Jul-2024
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Bureau of Indian Standards
 
मुंबई। भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) (बीआईएस) (BIS) ने आईआईटी, एनआईटी सहित विभिन्न प्रमुख तकनीकी संस्थानों के संकाय सदस्यों और अन्य विशेषज्ञों को अनुसंधान और विकास गतिविधि को आगे बढ़ाने, विविधता लाने और तेज करने के लिए 82 अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) परियोजनाओं को मंजूरी दी है। दस लाख रुपये तक के बजट और छह महीने की समापन समय-सीमा वाली ये परियोजनाएं सैद्धांतिक समीक्षाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें व्यापक क्षेत्र-स्तरीय अध्ययन शामिल हैं।
 
इन परियोजनाओं के फोकस क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, चिकित्सा उपकरण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्थिरता, स्मार्ट शहर और डिजिटल परिवर्तन जैसे अत्याधुनिक डोमेन शामिल हैं। इन उभरते क्षेत्रों को संबोधित करके, बीआईएस का उद्देश्य ऐसे मानकों को विकसित करना है, जो उपभोक्ताओं का संरक्षण करते हैं और अभिनव उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं। 82 स्वीकृत परियोजनाओं के अतिरिक्त, 99 और आवंटन करने की प्रक्रिया में हैं, अन्य 66 परियोजनाएं आवेदन करने हेतु उपलब्ध हैं। इन अवसरों को बीआईएस की वेबसाइट बीआईएस आर एंड डी प्रोजेक्ट्स के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। यह पहल, मानकीकरण प्रक्रिया को बढ़ाती है और अनुसंधान समुदाय का पर्याप्त समर्थन करती है, पूरे भारत में शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और उत्कृष्टता के वातावरण को बढ़ावा देती है। श्री प्रमोद कुमार तिवारी, महानिदेशक, बीआईएस ने इन प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, "प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ हमारा सहयोग और कई आर एंड डी परियोजनाओं को मंजूरी तकनीकी प्रगति और उभरती उद्योग की जरूरतों के अनुरूप मानकीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारे मानक निर्माण प्रक्रिया में अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे मानक सशक्त, प्रासंगिक और आधुनिक प्रौद्योगिकी और उद्योग प्रथाओं की चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हैं। बीआईएस व्यापक, अद्यतन मानकों को विकसित करने के लिए समर्पित है, जो नवीनतम तकनीकी रुझानों और उद्योग प्रथाओं को दर्शाते हैं। इन उन्नत अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के माध्यम से, बीआईएस उपभोक्ता हितों की रक्षा करना चाहता है और भारत में सुरक्षित, बेहतर विश्वसनीय बाजार विकसित करने में योगदान करना चाहता है।
 
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में, उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए भारतीय मानकों के विकास का नेतृत्व करता है। आज तक, बीआईएस ने 22,000 से अधिक ऐसे भारतीय मानकों को तैयार किया है, जो देश में वस्तुओं और सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मानकीकरण प्रक्रिया में अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) के उल्लेखनीय महत्व को स्वीकार करते हुए, बीआईएस तेजी से तकनीकी प्रगति एवं व्यापार तथा सामाजिक क्षेत्रों में परिवर्तनशील बदलावों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने प्रयासों में तेजी ला रहा है। विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ते विविधीकरण, नवाचार और जटिलताओं और सेवाओं के विकास के प्रत्युत्तर में, बीआईएस ने मानकीकरण प्रक्रिया में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया है। इस एकीकरण के लिए ऐसे डोमेन विशेषज्ञों के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाने की आवश्यकता होती है, जो पूरी तरह से अनुसंधान और विकास कार्य करने में सक्षम होते हैं। मौजूदा नेटवर्क का विस्तार करने के लिए, बीआईएस ने आईआईटी और एनआईटी सहित प्रमुख शैक्षिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे इनके संकाय और शोधार्थियों के पास उपलब्ध विस्तृत बौद्धिक पूंजी का उपयोग किया जा सकेगा। इन समझौता ज्ञापनों के माध्यम से, बीआईएस का उद्देश्य इन शैक्षणिक संस्थानों के भीतर अनुसंधान पारिवेश का समर्थन करते हुए मानक तैयार करने के लिए आवश्यक अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है। यह रणनीतिक साझेदारी अनुसंधान एवं विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करती है, जिसमें मानकीकरण के लिए चुने गए विषयों पर फोकस समूह चर्चाएं, और उत्पाद निर्माण और सेवा वितरण में वर्तमान प्रक्रियाओं और प्रथाओं के विस्तृत क्षेत्र-स्तरीय अध्ययन शामिल हैं।