चांदी के आभूषणों में ठगी पर लगेगी रोक, अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू किये जाने की उम्मीद

20 Jul 2024 11:44:38

sliver jewelery 
 
मुंबई। चांदी (Sliver) के आभूषणों (jewelery) में बड़े पैमाने पर अन्य धातु की मिलावट की जाती है और ग्राहकों से शुद्ध चांदी (Pure sliver) की दर पर रकम वसूली कर उन्हें ठगी का शिकार बनाया जाता है। इस तरह की ठगी और धोखाधड़ी को रोकने के लिये सोने (Gold) की तर्ज पर ही चांदी के आभूषणों को भी अनिवार्य हॉलमार्किंग (hallmarking) के दायरे में लाने की मांग ग्राहकों की ओर से भी की जाती रही है। भारतीय मानक ब्यूरो (Indian Standards Bureau) ने अब इस मामले में पहलकदमी की है। 22 जनवरी को ब्यूरो ने चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्क बंधनकारक करने के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिये एक बैठक बुलाई है।
 
इस उद्योग से संबंधित सभी हितधारकों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। जल्द ही देशभर में चांदी के आभूषणों के लिये हॉलमार्क की अनिवार्यता को लागू किे जाने की उम्मीद है।
 
सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने के बाद शुद्ध सोने के आभूषणों में मिलावट की शिकायतों में काफी कमी आई है। 16 जून 2021 को गोल्ड हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू की गई थी। लेकिन अभी तक चांदी के आभूषणों को लेकर ऐसा नहीं है। अभी देश में चांदी के आभूषणों की शुद्धता को लेकर ग्राहकों को आश्वस्त करने के लिये कोई व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर कोई मानक तय नहीं किये गये हैं। चांदी के अधिकांश आभूषण 40, 45 से 50 प्रतिशत गुणवत्ता के होते हैं। इनमें अन्य धातुओं का मिश्रण किया जाता है। 65 से 80 प्रतिशत गुणवत्ता के चांदी के आभूषणों को अच्छी गुणवत्ता का माना जाता है लेकिन इतनी शुद्ध गुणवत्ता के आभूषण भी काफी कम होते हैं। जबकि ग्राहकों से शुद्ध चांदी के नाम पर ही कीमत वसूली की जाती है। और बदले में आधे से ज्यादा अन्य धातु मिश्रित चांदी के आभूषण ग्राहकों को दिये जाते हैं। अभी चांदी की कीमत 90 हजार रुपये प्रति किलोग्राम है। लिहाजा यह ग्राहकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी का एक जरिया बना हुआ है। यही वजह है कि अब चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य किये जाने की दिशा में हलचल तेज होती नजर आ रही है ताकि ग्राहकों से हो रही लूट को रोका जा सके।
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