जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के न्यायाधीश अरूण मोंगा ने सिरोही में संत पीमजी महाराज की पत्नी सत्तु बाई के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिरोही में हुए जन आंदोलन में पुलिस द्वारा दर्ज किए मुकदमे में पूर्व विधायक संगम लोखा व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लीक व अन्य ने उस्ब न्यायालय में मामले को झूठा बताते हुए एफआईआर निरस्त करने की याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं को पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एम एस सिंघवी ने बताया है कि उण्य न्यायालय ने अपने आदेश में कहा यह मुकदमा राजनैतिक द्वेषवश दर्ज किया गया है। पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरूपयोग किया है।
आंदोलन की ली थी अनुमतिः सिंघवी ने बताया आंदोलन विधिवत अनुमति लेकर किया जा रहा था लेकिन, पुलिस ने आंदोलन को दबाने के लिए झूठे आधार बनाकर बिना किसी साक्ष्य के मुकदमा दर्ज कर दिया। ऐसा याचिकाकर्ताओं को सक्क सिखाने के लिए राजनैतिक द्वेषवश किया गया है। इस बाबत राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है। याचिका में कहा गया कि लोहा 15 माल सिरोही विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और उन्हें 2020-21 में राजस्थान विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार सम्मानित किया गया और वे कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन राजस्थान एकाई (सीपीए के सचिव भी रहे हैं। मुकदमा राजनैतिक बदलने की भावना से उनको क्षति पहुंचाने के लिए दर्ज किया गया है।