जोधपुर (कासं)। जोधपुर (Jodhapur) के मगजी की घाटी में वन विभाग (Forest department) की करीब दो हजार हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। हाईकोर्ट (High Court) के आदेश पर कार्रवाई के लिए गुरुवार को कलेक्ट्रेट, वन विभाग, पुलिस, जेडीए (JDA), नगर निगम (Municipal Corporation) की टीम मौके पर पहुंची। कार्रवाई शुरू होने के पहले ही भारी संख्या में लोग जमा हो गए, नारेबाजी कर विरोध करने लगे। क्षेत्रवासियों को अफसरों ने समझाइश दी, लेकिन विरोध बढ़ता ही गया। हालात तनावपूर्ण हो गए। जब लोग शांत नहीं हुए वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल बाड़े हटाए जा रहे हैं। किसी का घर नहीं हटा रहे। इधर, डीएफओ मोहित गुप्ता ने कहा कि वन विभाग पहले चरण में सिर्फ बाड़े की दीवारें हटाएगा। आगे की कार्रवाई बाद में की जाएगी। कार्रवाई के दौरान टीम केवल कुछ बाड़ों की दीवार जेसीबी से गिराकर लौट आई।
2021 में दायर की थी याचिकाः
पर्यावरणविद् रामजी व्यास ने 2021 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि मगजी की घाटी बेरी गंगा में करीब 2 हजार हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। करीब 2 से 3 हजार मकान बन चुके हैं। यहां बिजली-पानी कनेक्शन भी है। जबकि यह संरक्षित वन क्षेत्र है। 1980 के वन संरक्षण अधिनियम की अवहेलना हो रही है। किसी भी वन भूमि को गैर वन भूमि में कनवर्ट राज्य सरकार नहीं कर सकती।
क्षेत्रवासी बोले-हमें परेशान किया जा रहा है:
क्षेत्रवासियों ने कहा कि उन्हें बिना वजह परेशान किया जा रहा है। हर बार इसी जगह पर आकर अतिक्रमण हटाने के लिए कहा जाता है, जबकि निचली बस्ती में रहने वाले लोगों को नहीं हटाया जाता है।
हाईकोर्ट के समक्ष दूसरा पक्ष भी रखेंः
स्थानीय भाजपा नेता हनुमान सिंह खांगटा मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस जमीन के बदले फलोदी में वन विभाग को जमीन दी गई है। इस स्थान की पत्रावली डायवर्जन के लिए चल रही है। अधिकारी इस बात को भी हाईकोर्ट के समक्ष रखें।