मुंबई। महाराष्ट्र की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी 'लाडली बहन योजना को लेकर बढ़ा बयान दिया है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार 1.0 के दौरान शुरू की गई जनहितव्धरी योजनाओं के कारण सरकारी तिजोरी पर भार तो बढ़ा है लेकिन लाडली बहन या दूसरी योजनाओं को लेकर किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सभी योजनाओं को जारी रखने के लिए प्रतिवद्ध हैं और बजट में इसके लिए योजनावद्ध प्रावधान करेंगे। सीएम ने कहा कि सरकार ने लाडली योजना की दिसंबर महीने की किस्त का भुगतान शुरू कर दिया है तथा योजना पर काम जारी है।
देवेंद्र फडणवीस महायुति सरकार 2.0 में लाडली चहनों को योजना की -- छवयों किस्त के भुगतान की कवायद शुरू हो गई है। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि 31 दिसंबर तक सभी लाभार्थी महिलाओं के खाते में 1500 रुपए डाल दिए जाएंगे। महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने मंगलवार को इस बारे में बताया था कि पहले चरण में उन 12 लाख 37 हजार 503 महिलाओं को भुगतान किया जा रहा है, जिन्हें पहली 5 किस्तों का पैस्स बैंक अकाउंट से आधार कार्ड लिंक नहीं होने के कारण नहीं मिल सका था।
गेम चेंजर सावित हुई योजना
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2024 से पहले महाराष्ट्र में सता परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन चुनाव से कुछ ही महीने पहले सरकार ने मध्यप्रदेश की लाडली बहन योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाडली बहिण (लाडली बहन) मौजना की घोषणा कर दी। योजना के तहत सरकार ने लगभग 2 करोड़ 35 लाख महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह के हिसाव से पांच महीने की 5 किस्तों के 7500 रुपए का भुगतान भी कर दिया। इतना ही नहीं सरकार ने चुनाव में जीतने पर योजना की राशि बढ़ाकर 2100 रुपए करने की घोषणा प्रचार के दौरान की थी। गेम चेंजर साबित हुई लाडली बहन योजना के परिणामस्वरूप अकेले चीजेपी को रिकॉर्ड 132 सीटों पर जीत मिली जबकि उसकी महायुति को 230 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही।